अगर आप करते हैं मेट्रो से सफर तो हो जाएं इस गैंग से सावधान

नई दिल्ली- अगर आप दिल्ली मेट्रो से सफर करते हैं तो यह ख़बर आपके लिए है। इस ख़बर को पढ़ने के बाद आपको पता चल जाएगा कि मेट्रो में किन महिलाओं से खास सतर्क रहने की जरूरत है। दरअसल, जो महिलाएं आपके इर्द-गिर्द खड़ी होकर आपको बातों में लगाना चाहती हैं या फिर किसी और जरिए आपका ध्यान भटकाना चाहती हैं, समझ लीजिए कि उनकी दिलचस्पी मेट्रो से सफर करने में नहीं बल्कि ध्यान आपकी जेब पर है। पिछले पांच महीने के दौरान केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बलों ने जिन लोगों को जेबतराशी करते हुए पकड़ा है, उसमें से करीब 77 फीसदी महिलाएं हैं।

अगर आप करते हैं मेट्रो से सफर तो हो जाएं इस गैंग से सावधान

मेट्रो में लुटेरी गैंग का खौफ

सीआईएसएफ ने पिछले पांच महीने के दौरान 521 पॉकेटमारों को पकड़ा है, जिनमें से 401 महिलाएं और 120 पुरुष है। पिछले साल जनवरी से मई के दौरान पकड़े गए जेबकतरों की संख्या के मुक़ाबले यह तिगुनी है। हालांकि सीआईएसएफ के पीआरओ डिप्टी कमांडेंट मंजीत सिंह ने बताया कि पिछले पांच महीने में से दो महीनों के दौरान पॉकेटमारी की ज्यादा घटनाएं हुई हैं, जबकि तीन महीने अपेक्षाकृत कम रही।

रडार पर इंटरचेंज स्टेशन

मेट्रो को दिल्ली की लाइफ लाइन माना जाता है। हर रोज इसमें करीब 26 लाख से ज्यादा लोग सफर करते हैं। लेकिन, इन लुटेरी गैंग्स के निशाने पर ज्यादातर वे स्टेशन होते हैं, जहां से लोग इंटरचेंज करते हैं या फिर जहां सबसे ज्यादा भीड़भाड़ होती है। जेबतराशी की सबसे ज्यादा घटनाएं राजीव चौक, कश्मीरी गेट, सेंट्रेल सेक्रेटेरिएट, चांदनी चौक और हुड्डा सिटी सेंटर पर होती हैं।

इस तरह महिला गैंग्स करती है जेब तराशी

दरअसल, ये लुटेरी गैंग्स बड़े ही शातिर तरीके से लोगों को अपना निशाना बनाती हैं। उसके लिए एक तरफ जहां ये महिला पॉकेटमार गैंग में काम करती हैं, वहीं इनमें से अधिकतर अपने साथ छोटे बच्चों को लेकर मेट्रो में चलती हैं ताकि सामने वाले का ध्यान पूरी तरह से भटकाया जा सके। इतना ही नहीं, सामने वालों का ध्यान बातों में लगाकर या फिर और दूसरे तरीके से भटकाने की भी पूरी कोशिश होती है।

क्यों नहीं लग रही महिला गैंग पर रोक?

इन महिला गैंग्स पर रोक मेट्रो की सुरक्षा में लगे सीआईएसएफ जवानों के लिए इतना आसान नहीं है। सीआईएसएफ डिप्टी कमांडेंट मंजीत सिंह ने बताया कि कई बार हमारे जवानों ने ऐसी महिला गैंग्स को पकड़ा और उन्हें मेट्रो गेट से बाहर निकाल दिया। उनके बार-बार सफल होने की वजह है उनके खिलाफ किसी तरह की औपचारिक शिकायत का न होना। उन्होंने कहा कि सीआईएसएफ जवानों को यह पता होता है कि कौन सी महिलाएं मेट्रो में जेब काटने के मक़सद से जा रही हैं, लेकिन बिना शिकायत कुछ कर नहीं सकते हैं।

किस रूट पर सबसे ज्यादा पॉकेटमारी

मंजीत सिंह ने बताया कि जिन रूटों में सबसे ज्यादा लोग सफर करते है वह इन लुटेरी गैंग्स के रडार पर हैं। मेट्रो की वह लाईन हैं- येलो और ब्लू लाईन। उन्होंने कहा कि वॉयलेट और ग्रीन लाईन में इस तरह के मामले कम हैं क्योंकि इसमें अपेक्षाकृत अभी सवारियों की संख्या कम है। जबकि, एयरपोर्ट लाईन में भी ऐसी घटनाएं न के बराबर हैं।

महिला गैंग को पकड़ने के लिए एंटी-थेफ्ट स्क्वॉड

महिला गैंग्स को पकड़ने के लिए बकायदा सीआईएसएफ ने चौदह से पन्द्रह टीमें बनाई हैं। मंजीत सिंह ने बताया कि हर टीम में 2 लोग रहते हैं, जिसका मुख्य मक़सद मेट्रो में जेबतराशी की घटनाओं पर ब्रेक लगाना है। मंजीत सिंह ने कहा कि कई पॉकेटमारी की घटनाएं होते-होते बची, क्योंकि हमने ऐसे गैंग्स को मेट्रो से बाहर निकाल दिया। ऐसे में एंटी-थेफ्ट स्क्वॉड के जवानों की यूनिफॉर्म और सिविल में तैनाती के बाद ऐसे मामलों पर रोक लगाने की कोशिश है।

लूटेरी गैंग्स से कैसे बचे?

पॉकेटमारी की इन घटनाओं के देखते हुए जब आप मेट्रो में सफर कर रहे हैं तो जहां एक तरफ ख़ास चौकन्ना रहने की जरूरत है, वहीं यह भी जरूरी है कि अगर ऐसे मामले होते हैं तो उसकी फौरन रिपोर्ट करें। इसके लिए जगह-जगह सीआईएसएफ और डीएमआरसी के हेल्पलाइन नंबर दिए रहते हैं। आपको उन हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क कर पूरे मामले को रिपोर्ट करने की जरूरत है, ताकि वह मामले सामने आ सकें और ऐसे गैंग्स के खिलाफ कार्रवाई हो सके।

 

Back to top button