अखिलेश को सीबीआई से घबराने की जरूरत नहीं, कांग्रेस भी आई साथ: मायावती

उत्तर प्रदेश में रेत खनन घोटाले मामले की जांच की आंच समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव तक पहुंच गई है। इसपर सपा-बसपा (बहुजन समाज पार्टी) ने मिलकर प्रेस कांफ्रेंस की और केंद्र सरकार पर निशाना साधा। लगभग 25 साल बाद दोनों पार्टियों ने मिलकर साझा प्रेस कांफ्रेंस की है। सपा के रामगोपाल यादव और बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि अभी हमारा गठबंधन हुआ भी नहीं है और भाजपा ने सीबीआई से गठबंधन कर लिया है। अखिलेश को सीबीआई से घबराने की जरूरत नहीं, कांग्रेस भी आई साथ: मायावती

उन्होंने कहा, ‘‘बसपा आंदोलन भी इसका भुक्तभोगी रहा है। इससे घबराने की बात नहीं बल्कि इसका डटकर मुकाबला करके इनके इस षडयंत्र को विफल करने की जरूरत है।’’ इस दौरान संसद भवन परिसर में बसपा के वरिष्ठ नेता राज्यसभा में पार्टी नेता सतीश चंद्र मिश्रा और सपा के रामगोपाल यादव ने संवाददाताओं को बताया कि उच्च सदन में इस मुद्दे पर कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस देकर चर्चा कराने की मांग की गयी लेकिन इसे सभापति ने अस्वीकार कर दिया गया। मिश्रा ने कहा, ‘‘भूमाफिया मामले में अधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी है। उस अधिकारी ने सरकार द्वारा बनाये गये कानून का आवंटन प्रक्रिया में उल्लंघन किया है, तो इसके लिये तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कैसे जिम्मेदार हो गये? उनके (भाजपा) सहयोगी उनका साथ छोड़ रहे हैं तथा उनका गठबंधन सीबीआई के साथ हो रहा है,।’’

यादव ने कहा, ‘‘यदि उत्तर प्रदेश का कोई मंत्री दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन करता है और सीबीआई जांच के लिये कहता है तो इससे क्या निष्कर्ष निकाला जा सकता है? यह उन पर उल्टा पड़ने जा रहा है। भाजपा को उत्तर प्रदेश में पैर रखने की भी जगह नहीं मिलेगी। प्रधानमंत्री को वाराणसी छोड़ना पड़ेगा और कहीं और से चुनाव लड़ना पड़ेगा।’’ उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में खनन से जुड़े एक लंबित मामले में सीबीआई जांच के दायरे में कथित तौर पर अखिलेश सहित अन्य नेताओं के आने की अटकलों के बीच सोमवार को सपा और बसपा ने इस मुद्दे पर अपना विरोध जताते हुये राज्यसभा में हंगामा किया।

कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘मोदी सरकार ने जो वादे किए उनको पूरा करने पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है। सिर्फ इस पर पूरा ध्यान लगाया है कि सीबीआई, ईडी और आयकर विभाग का कैसे अपने विरोधियों को कमजोर करने और उन पर आरोप लगाने के लिए इस्तेमाल करना है। चाहे कांग्रेस के नेता हों, राकांपा के नेता हों, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक या अन्नाद्रमुक के नेता हों, उन पर सीबीआई, आयकर और ईडी की कार्रवाई के जरिए उनको डराने धमकाने का पूरा प्रयास किया। राफेल का मुद्दा कांग्रेस अध्यक्ष लगातार उठाते आ रहे हैं। पूरा देश कह रहा है कि राफेल खरीद बहुत बड़ा घोटाला है।’

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