अखिलेश के BJP पर 10 बड़े हमले, बताई ‘कसाब’ की नई फुलफॉर्म

चुनाव प्रचार अभियान के तहत अखिलेश यादव के तेवर आज तीखे दिखे। साथ ही चौरी-चौरी में बुधवार को अमित शाह के कसाब वाले बयान पर भी पलटवार करते हुए अ‌खिलेश ने कसाब को नया मतलब दिया।
उन्होंने कहा कि ‘कसाब’ का मतलब क से कंप्यूटर, साइकिल और ब से बस में महिलाओं का किराया आधा करना है। जानिए बलरामपुर रैली के उनके बड़े बयान।
अखिलेश के BJP पर 10 बड़े हमले, बताई 'कसाब' की नई फुलफॉर्म
 
-जैसै-जैसे जनता ने चुनाव लड़ना शुरू कर दिया है, उनकी भाषा बदल रही है

-प्रधानमंत्री की भाषा बदल गई

– बीजेपी के पास कोई काम बताने को नहीं है, इसीलिए बीजपी के लोग खिसियाने का काम कर रहे हैं

– बीजेपी के लोग जब अपना मुंह खोलते हैं, जहर निकालने का काम करते हैं

– ये (बीजेपी के लोग) बंटवारे की बात करते हैं

– क से कबूतर तो हो सकता है कोई और बात नहीं हो सकती

– अगर कसाब की ही बात है, तो हमने क से कंप्यूटर भी बांटा था, सा से साइकिल भी बांटी और ब से बस में महिलाओं का आधा किराया भी किया

– ये (बीजेपी) क से कुछ और ही पढ़ाना चाहते हैं, उत्तर प्रदेश इस बार तुम्हारा (बीजेपी) कबूतर न उड़ा दे तो कहिएगा 

– बिजली कैसे धार्मिक हो सकती है, समाजवादी लोगों ने कोई भेदभाव नहीं किया है

– बीजेपी वाले तो लैपटॉप को झुनझुना बोलते थे, अब बताओ क्यों अपने घोषणापत्र में झुनझुने को शामिल किया

– लैपटॉप हमने अच्छे नबंर वाले बच्चों को ना कि धर्म देखकर 

– बीजेपी वालों से ज्यादा गुमराह करने वाला कोई दल नहीं है

– भाजपा वाले मैदान में हार चुके हैं इसीलिए इनकी भाषा बदल रही है

– आने वाले समय में पेंशन की राशि दोगुनी की जाएगी

– कोई भी गंभीर बीमारी होगी, पैसा समाजवादी सरकार देगी

– बीजेपी वाले कभी काम की बात नहीं करेंगे

– प्रधानमंत्री जी, आज तक मन की बात बता रहे हो, बताओ कब करोगे काम की बात

– खिसियाता वही है जो लड़ाई में पीछे छूट जाता है, इसीलिए बीजेपी के लोग खिसियाने का काम कर रहे हैं

– गरीबी बढ़ी है, हम स्वीकार करते हैं, महंगाई बढ़ी है, हम स्वीकार करते हैं

– कांग्रेस को हमने बहुत सीटें दी हैं, हमने सीटें ज्यादा इसीलिए दे दी क्योंकि समाजवादी पार्टी के लोग मजबूत दोस्ती करना चाहते हैं, हमने बड़े दिल से दोस्ती की है, आप भी बड़े दिल से समाजवादियों से दोस्ती निभाना

– आने वाले समय में पुलिस की जो थोड़ी बहुत बुराई है, उसे भी ठीक करेंगे. 

– प्रधानमंत्री दुनिया के हर देश में घूम आए लेकिन हमारे लिए कुछ नहीं लाए

– समाजवादी जब जोश में होते हैं, तो हाथ छोड़कर साइकिल चला लेते हैं

– यहां (बलरामपुर में) तो हाथ छोड़कर ही साइकिल चलानी पड़ेगी

– हवा आपके पक्ष में सरकार बनाने जा रहे हो

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