अकाल तख्त के एसी कोच में बम मिलने से हड़कंप, पास ही मिला धमकी भरा पत्र
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हावड़ा से अमृतसर जा रही अकाल तख्त एक्सप्रेस के एसी कोच बी-3 की बर्थ संख्या 18 पर यात्रा कर रहे लुधियाना निवासी रवींद्र सिंह बुधवार रात 12:55 बजे टायलेट गए। वहां रवींद्र की निगाह पॉलीथिन में लिपटे प्लास्टिक के डिब्बे पर पड़ी। रवींद्र ने संदिग्ध वस्तु मौजूद होने की बात कोच अटेंडेंट प्रदीप जॉन को बताई। प्रदीप ने 1 बजे टीटीई विजय शंकर सिंह को इस बाबत बताया व कंट्रोल रूम को सूचना दी गई।
कंट्रोल रूम की सूचना पर 1:17 बजे ट्रेन को अकबरगंज रेलवे स्टेशन की लूप लाइन पर रोक आरपीएफ व लोकल पुलिस ने कोच से यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला। सुबह छह बजे 32 वीं बटालियन पीएसी लखनऊ के बम निरोधक दस्ते ने बम को निष्क्रिय किया तो यात्रियों ने राहत की सांस ली। टीम को बम के साथ में एक लाइटर भी मिला है।
ट्रेन को सुबह करीब साढ़े सात बजे लखनऊ रवाना किया गया। टीम ने बम में प्रयुक्त विस्फोटक पाउडर का सैंपल जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा है। मौके पर एक पत्र भी मिला है जिसमें ‘दुजाना की शहादत का बदला अब हिंदुस्तान को चुकाना पड़ेगा’ के साथ इंडियन मुजाहिदीन जिंदाबाद लिखा हुआ है। एटीएस मामले से आतंकियों के कनेक्शन की पड़ताल में जुटी है। एडीजी जीआरपी विजय मौर्य ने कहा कि सैंपल जांच के लिए भेजा गया है ताकि पता चल सके कि यह विस्फोटक है या नहीं। अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी कि यह शरारत है या साजिश।
सूचना मिलने के बाद ट्रेन को अकबरगंज रेलवे स्टेशन पर रोक कर सभी यात्रियों को नीचे उतारा गया। सूचना पर तत्काल बीडीएस की टीम मौके के लिए रवाना की गई। उन्होंने बताया कि बी 3 कोच के बाथरूम में प्लास्टिक का एक डिब्बा जो सुतली से बंधा हुआ था और ढक्कन के बीच में तार निकला हुआ था। उसके साथ एक लाइटर भी था। बीडीएस टीम ने बम को निष्क्रिय किया। एडीजी ने बताया कि बीडीएस को बम में कोई टाइमर या डेटोनेटर पावर पैक नहीं पाया गया है। बीडीएस टीम की ओर से अधिकारियों को बताया गया है कि यह बहुत ही कम क्षमता का विस्फोटक है।