हिंदू धर्म में क्यों बीज मंत्रों का है इतना ख़ास महत्व, जानिए

अगर आप हिंदू धर्म को मानते हैं तो आपने बीज मंत्रों के बारे में ज़रूर सुना होगा। अक्सर देखा जाता है कि कईं तरह के पूजा-पाठ में बीज मत्रों का इंस्तेमाल किया जाता है। लेकिन आख़िर ये बीज मंत्र होते हैं क्या है और क्यों हिंदू धर्म में ख़ासकर प्रत्येक पूजा के कार्य में इनका प्रयोग किया जाता है। इसके बारे में शायद ही किसी को पता होगा। तो आईए आज हम आपको बताते हैं कि क्यों इन्हें इतना महत्व दिया जाता है।हिंदू धर्म में क्यों बीज मंत्रों का है इतना ख़ास महत्व, जानिए

बीज मंत्रों का अर्थ होता है छोटे मंत्र। ये महज एक शब्द के होते हैं। इसके अलावा वृहद मंत्र भी होते हैं। वृहद मंत्र 60 शब्दों तक के होते हैं। बीज मंत्रों के बारे में कहा जाता है कि ये बहुत छोटे होते हैं लेकिन बहुत प्रभावशाली होते हैं। इसके अलावा अलग-अलग समस्यों के समाधान के लिए अलग-अलग बीज मंत्रों का इस्तेमाल किया जाता है।

‘एे’ बीज मंत्र को गुरु बीज मंत्र कहा जाता है। इसे देवी सरस्वती का बीज मंत्र माना गया है। कहते हैं कि इस बीज मंत्र के जाप से विद्या, बुद्धि और परीक्षा के क्षेत्र में सफलता मिलती है। इसके साथ ही इस गुरु बीज मंत्र को धारण करने से परिवार में खुशियां आने की भी मान्यता है। 

काली बीज मंत्र के जाप से शक्ति, यश, रोजगार और बिजनेस के क्षेत्र में तरक्की होने की मान्यता है। काली बीज मंत्र को शनिवार के दिन धारण करना शुभ माना गया है।

‘भं’ को अभय बीज मंत्र के नाम से जाना जाता है। इसे भैरव देव का बीज मंत्र बताया गया है। कहा जाता है कि भैरव बीज मंत्र के जाप से ग्रह बाधा, भूत बाधा और तंत्र बाधा से मुक्ति मिलती है। इस मंत्र को शुक्रवार या शनिवार के दिन धारण किया जा सकता है। 

कहा जाता है कि शांति बीज मंत्र के जाप से दांपत्य सुख की प्राप्ति होती है। इसे बुधवार या रविवार को धारण करना शुभ माना जाता है।

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