हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, बच्चे केवल पिता पर ही नहीं मां पर भी आश्रित

हिन्दू संयुक्त परिवार के तहत आश्रितों को परिभाषित करते हुए पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है और ये फैसला जानकर आपको भी खुशी होगी।
हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, बच्चे केवल पिता पर ही नहीं मां पर भी आश्रित
दरअसल, संयुक्त हिंदू परिवार में बच्चों को केवल पिता पर आश्रित मानने से पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने इनकार करते हुए बच्चों को मां पर भी आश्रित माना है। हाईकोर्ट की यह अहम व्यवस्था लखन सिंह व अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान आई है। गुड़गांव निवासी लखन सिंह व उसके तीन बच्चों की ओर से याचिका दाखिल कर द एम्पलॉय कंपनसेशन एक्ट के तहत क्लेम कमिश्नर द्वारा दिए गए आदेशों को चुनौती दी गई।

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याची ने कहा कि राम कांति की लेबर का काम करते हुए 18 अगस्त 2010 को तीसरी मंजिल से गिरने के चलते मौत हो गई थी। इसके बाद पति व तीन बच्चों ने मुआवजे के लिए द एम्पलॉय कंपनसेशन एक्ट के सेक्शन 30 के तहत याचिका दाखिल की थी। इस याचिका को क्लेम कमिश्नर ने इस आधार पर खारिज कर दिया था कि हिंदू संयुक्त परिवार की परिभाषा में बच्चे केवल पिता पर आश्रित होते हैं, मां पर नहीं।

मृतक के पति की याचिका को खारिज

बच्चों के पिता उसी साइट पर काम करते थे और राम कांति से कहीं अधिक कमाते थे। ऐसे में बच्चे मां पर आश्रित नहीं हैं। हाईकोर्ट में दाखिल इस याचिका पर अपना फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट के जस्टिस जसवंत सिंह ने मृतक के पति की याचिका को खारिज कर दिया और तीन बच्चे कपिल, नेहा और लक्ष्मी की अपील को मंजूर कर लिया। हाईकोर्ट ने कहा कि क्लेम कमिश्नर का यह निर्णय कि केवल पिता पर ही बच्चे आश्रित हैं, वह आश्रितों की परिभाषा के अनुरूप नहीं है।

पति की याचिका इसलिए खारिज होती है कि वह कमाता है और वैसे भी पति को पत्नी पर आश्रित नहीं मानते हैं। बच्चे इस परिभाषा में फिट होते हैं और ऐसे में इन तीनों बच्चों को मुआवजे के लिए याचिका दाखिल करने के योग्य मानते हुए हाईकोर्ट ने मामला क्लेम कमिश्नर को वापस भेज दिया है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने क्लेम कमिश्नर को नई परिस्थितियों के अनुरूप नए सिरे से निर्णय लेने को कहा है। हाईकोर्ट के यह आदेश आश्रित की परिभाषा को लेकर बेहद अहम हैं।

 
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