हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने घोषणा पत्र में किए कई लोकलुभावन वादे, पढ़े पूरी खबर
हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने घोषणा पत्र जारी कर दिया है। पार्टी ने कई लोकलुभावन वादे किए हैं। भाजपा भी रविवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में घोषणा पत्र जारी करेगी। पार्टी के सामने कांग्रेस के घोषणा पत्र से कुछ अलग दिखने की चुनौती होगी।
हरियाणा में लगातार दस साल तक सत्ता में रही कांग्रेस ने अपने चुनाव घोषणा पत्र के जरिये हर वर्ग को खुश करने की कोशिश की है। प्रदेश की जनता से किए 184 वादों में कई ऐसे हैं, जो पूरा हो पाने की स्थिति में नजर नहीं आते। 2014 के चुनाव में भी कांग्रेस ने करीब एक दर्जन ऐसे बड़े वादे किए थे, जिन्हें पूरा कर पाना संभव नहीं था। इस बार कांग्रेस ने इन पुराने वादों को अपने चुनाव घोषणा पत्र से बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
कांग्रेस ने प्रदेश की जनता से जिस तरह के वादे किए, उनके जरिये पार्टी के रणनीतिकारों की सत्तारूढ़ भाजपा पर दबाव बढ़ाने की मंशा साफ नजर आ रही है। भाजपा पहले ही कह चुकी कि वह सिर्फ वही वादे करेगी, जिन्हें पूरा किया जा सकता है, लेकिन कांग्रेस ने कई ऐसे बड़े वादे कर दिए, जिनके पूरा होने में न केवल भारी-भरकम बजट की जरूरत होती है, बल्कि बजट के इंतजाम को पार्टी ने बाद की स्थितियों पर छोड़ दिया है।
कांग्रेस ने इस बार महिलाओं को खासतौर से टारगेट किया है। इसके पीछे भले ही दलील दी गई कि सोनिया गांधी, कु. सैलजा और किरण चौधरी तीनों महिलाएं हैं, लेकिन पार्टी के रणनीतिकार मानते हैं कि किसी भी राजनीतिक दल की जीत-हार में महिला मतदाता अहम भूमिका निभा सकते हैं। इसलिए कांग्रेस ने योजनाबद्ध तरीके से महिलाओं को सरकारी व प्राइवेट नौकरियों में 33 फीसदी आरक्षण का जाल फेंका है।
हरियाणा में कर्जमाफी शुरू से बड़ा मुद्दा रहा है। भाजपा किसानों को साधन-संपन्न बनाना चाहती है, लेकिन कांग्रेस की दलील पहले उन्हें कर्ज मुक्त करने की है। भाजपा बिजली, पानी और सड़क के मुफ्त उपयोग के खिलाफ है, लेकिन कांग्रेस ने मुफ्त बिजली का वादा किया है। कांग्रेस ने 5100 रुपये मासिक पेंशन और पात्र व्यक्तियों की उम्र घटाने का बड़ा दांव खेलकर भाजपा को अपनी रणनीति बदलने के लिए मजबूर तो कर दिया है। भाजपा ऐसा कोई वादा नहीं करेगी, जिसे पूरा नहीं किया जा सकेगा।
कांग्रेस के एजेंडे पर इस बार कर्मचारी भी हैं। 2014 के चुनाव में कांग्रेस ने कर्मचारियों को पंजाब के समान वेतनमान देने का वादा किया था, जबकि भाजपा कहती है कि हरियाणा के कर्मचारियों को पंजाब से अधिक वेतन और भत्ते मिल रहे हैं। इसे यदि लागू कर दिया गया तो कर्मचारियों के वेतन और भत्ते कम हो जाएंगे।
कर्मचारियों की इस मांग को खारिज करने के लिए भाजपा ने सरकारी विभागों में भारतीय मजदूर संघ के नाम से समानांतर कर्मचारी संगठन खड़ा कर दिया है। कांग्रेस के इन लोक लुभावन वादों के बीच अब भाजपा के सामने कुछ ऐसा पेश करने की चुनौती है, जो उसे कांग्रेस से अलग खड़ा करे।
विधायकों व पूर्व सांसदों के सुझाव से तैयार हुआ संकल्प पत्र
किरण चौधरी की अध्यक्षता में गठित कांग्रेस घोषणा पत्र समिति द्वारा तैयार संकल्प पत्र में कमेटी संयोजक आफताब अहमद और सह-संयोजक सुरेश गुप्ता की अहम भूमिका रही। व्यापारी प्रतिनिधि के रूप में बजरंग दास गर्ग ने सुझाव दिए। पूर्व ह हुड्डा और कु. सैलजा के सुझाव भी इसमें शामिल किए गए हैं।
कांग्रेस ने 2019 में दोहराए 2014 के ये वादे
- हर जिले में सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल और विश्वविद्यालय
- प्रत्येक जिले में स्थापित होंगे किसान मॉडल स्कूल
- लड़कियों के लिए खुलेंगे बारहवीं तक के आवासीय स्कूल
- पंजाबी व उर्दू के शिक्षकों के लिए नए पद होंगे सृजित
- हुडा के सेक्टरों व कमेटी एरिया में स्थापित होंगी रेहड़ी मार्केट
- वरिष्ठ नागरिकों को आवास एवं चिकित्सा की मिलेगी सुविधा
- प्रदेश में गैस आधारित बिजली के बड़े संयंत्र होंगे स्थापित
- नई स्वीकृत कॉलोनियों में तुरंत प्रभाव से शुरू होंगी मूलभूत सुविधाएं
- सभी जिलों में सब्जी और फल मंडिया होंगी स्थापित।
विशेषज्ञों की नजर में
कांग्रेस ने 2019 में दोहराये 2014 के यह वादे
पालिटिकल साइंस, एसडीे कालेज अंबाला छावनी के राजनीति विज्ञान विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर एंड हेड डा. रमेश मदान का कहना है कि कांग्रेस दस साल तक सत्ता में रही। उसने ऐसा कोई बड़ा काम नहीं किया, जिसे आज याद किया जाता हो। कांग्रेस ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में जितने वादे किए, अधिकतर यह सोचकर किए कि यदि सत्ता में आ गए तो ठीक है, देख लेंगे और यदि नहीं आ पाए तो जनता के पास कहने को उनकी पाकेट में बहुत कुछ होगा। हर जिले में यूनिवर्सिटी संभव नहीं है। खेलों की चिंता ज्यादा नहीं की। 55 साल की महिलाओं को 5100 रुपये पेंशन गैर व्यावहारिक है।
पूर्व वीसी प्रोफेसर मदन मोहन गोयल का कहना है कि राजनीतिक दलों को ऐसी घोषणाएं करने का कोई हक नहीं है, जो पूरी नहीं हो सकती। इनकम टैक्स के पैसे को बर्बाद नहीं किया जा सकता। सिस्टम में वर्क कल्चर (काम की संस्कृति) विकसित करने की जरूरत है। लड़कियां आज किसी भी परीक्षा नतीजों में टाप पर होती हैं। उनका पास प्रतिशत भी ज्यादा होता है। उन्हें आरक्षण की जरूरत नहीं है। उन्हें समानता और सम्मान की जरूरत है। राजनीतिक दल यदि हर जिले में यूनिवर्सिटी की बात करते हैं तो यह बेमायने है, क्योंकि इसके लिए बड़े वित्त की जरूरत होती है और उसकी पालिसी आज तक हरियाणा में नहीं है।
कांग्रेस के घोषणा पत्र में यह वायदे
- विधवा महिलाओं, विकलांग, तलाकशुदा, उम्रदराज अविवाहित महिलाओं और किन्नरों को 5100 रुपये पेंशन
- बीपीएल परिवारों के घर निर्माण के लिए डेढ़ लाख रुपये अनुदान
- बीपीएल परिवारों के मकान की मरम्मत के लिए 50 हजार का सहयोग
- सरकार बनते ही कर्ज माफी, फसल बीमा की किश्तों का बोझ नहीं
- खेत में काम करते हुए किसान की मृत्यु पर पांच लाख और मजदूर की मृत्यु पर तीन लाख की मदद।
- पुरानी पेंशन योजना की उत्तम विशेषताओं को नई पेंशन योजना में करेंगे शामिल
- सातवें वेतन आयोग को एक जनवरी 2016 से किया जाएगा लागू
- सभी मजदूरों के लिए ईएसआई कार्ड का वादा।
- गरीबों का मुफ्त इलाज, हर प्रदेशवासी को स्वास्थ्य कार्ड
- हर गांव और ढाणी तक एंबुलेंस
- ब्लाक स्तर पर नशा छुड़ाओ केंद्र
- नशे के कारोबार में लिप्त अपराधियों को पकड़ने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स।
- नए मोटरवाहन कानून में संशोधन कर भारी जुर्माने की राशि को खत्म करेंगे
- शहरों की 2019 की मौजूदा अवैध कालोनियों को वैध
- गांवों की बढ़ती आबादी व जरूरत के हिसाब से लाल डोरे का विस्तार
- सरकारी नौकरियों की परीक्षा गृह जिलों में।
- ठेका प्रथा को खत्म करेंगे
- एससी कमीशन का पुनर्गठन
- गर्भवती महिलाओं को बच्चे के जन्म तक 3500 रुपये प्रतिमाह
- बच्चे के पांच साल तक का होने पर हर महीने पांच हजार रुपये।
2014 में कांग्रेस के 23 पेज के घोषणा पत्र में यह थे बड़े वादे
- हर जिले में एक यूनिवर्सिटी, एक सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल
- निजी कारखानों में 50 फीसद युवाओं को रोजगार
- शहरी व ग्रामीण इलाकों में मकान
- एक नवंबर 2014 से 1500 रुपये पेंशन
- गैस आधारित बिजली के बड़े संयंत्र, उद्योग एवं वाणिच्य व घेरलू सेक्टर में 22 घंटे बिजली
- नई स्वीकृत कॉलोनियों में तुरंत प्रभाव से मूलभूत सुविधाएं
- दस हजार से अधिक आबादी के गांवों में इंटरनेट कैफे
- सीनियर सिटीजन को घर व मेडिकल सुविधा
- भूतपूर्व सैनिकों व सैनिकों के लिए फ्लैट
- चंडीगढ़ में हरियाणा का अलग हाईकोर्ट
- भीड़ वाले इलाकों में मल्टी स्टोरी पाकिर्ंग
- गुड़गांव, फरीदाबाद व पंचकूला में स्वच्छ हरियाणा योजना
- पलवल से नूंह, नूंह से गुड़गांव तक रेलवे लाइन, गुड़गांव से नूंह वाया तावड़ू, भिवानी, धारूहेड़ा तक रेलवे लाइन।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा की चार उप मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा को नहीं मिली जगह
कांग्रेस के चुनाव घोषणा पत्र में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह की वे अधिकतर घोषणाएं शामिल की गई हैं, जो उन्होंने बगावती तेवर दिखाते हुए रोहतक रैली में की थी। हुड्डा ने तब चार डिप्टी सीएम बनाने की बात भी कही थी, लेकिन उनकी इस घोषणा को पार्टी ने चुनाव घोषणा पत्र में नहीं डाला है। इसके बारे में पूछने पर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कौन सीएम होगा, कितने डिप्टी सीएम होंगे, यह सब बाद की प्रक्रिया है। इसे चुनाव घोषणा पत्र में नहीं डाला जा सकता।
हुड्डा-सैलजा को अहमियत, किरण का असर, रणदीप सुरजेवाला, कुलदीप बेअसर
कांग्रेस के घोषणापत्र में हुड्डा और सैलजा की जोड़ी का पूरा प्रभाव दिखा। घोषणापत्र में उन अधिकतर वादों को जगह मिली है जो हुड्डा करते रहे हैं। कांग्रेस घोषणा पत्र समिति की अध्यक्ष होने का फायदा उठाते हुए किरण चौधरी ने भी महिलाओं सहित कई अन्य मुद्दों को घोषणा पत्र में जगह दी है। लेकिन रणदीप सुरजेवाला, कुलदीप बिश्नोई और अजय यादव को तवज्जो नहीं दी गई है।
किसने क्या कहा
यह क्रांतिकारी मेनिफेस्टो है। इसमें हर वर्ग का ख्याल रखा गया है। विशेषकर महिलाओं और बहन-बेटियों की पढ़ाई, सुरक्षा, सम्मान, नौकरी और राजनीति में महिलाओं को समान भागीदारी पर जोर दिया गया है। -गुलाम नबी आजाद, हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी।
हमने 2004 और 2009 के घोषणापत्र में जितने वादे किए थे, उससे कई गुणा योजनाएं आमजन को दीं। इस बार भी सरकार हम बनाएंगे और सभी वादों को पूरी तरह लागू करेंगे। सुरक्षित, स्वस्थ और शिक्षित हरियाणा बनाएंगे। -भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व मुख्यमंत्री।
हमें हजारों लोगों ने सुझाव भेजे थे। हर वर्ग से सुझाव मिले। चुनाव सिर पर होने के कारण हमने लगातार छह-छह घंटे बैठकर घोषणापत्र तैयार किया है। भाजपा ने 154 वादों में से कोई पूरा नहीं किया। हमारी सरकार हर वादा पूरा करेगी। -किरण चौधरी, अध्यक्ष, कांग्रेस घोषणा पत्र समिति