हरियाणा में ‘नेत्र ज्योति बचाओ अभियान’ ने छीन ली 38 मरीजों की आंखों की ‘रोशनी’
हरियाणा में नेत्र ज्योति बचाओ अभियान के तहत हुए ऑपरेशन में बड़ी लापरवाही ने 38 मरीजों की आंखों की रोशनी छीन ली है। भिवानी, करनाल और झज्जर के अस्पतालों में दो सप्ताह पहले इन मरीजों के मोतियाबिंद के ऑपरेशन हुए थे और अब इनकी आंखों में पस पड़ गई है। इनका ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर पहले अपने स्तर पर ही इलाज करते रहे जब मरीजों की हालत बिगड़ गई तो सभी मरीजों को पीजीआई रोहतक रेफर कर दिया। मरीजों की यह संख्या और भी बढ़ सकती है।
राष्ट्रीय दृष्टि विहीनता एवं दृष्टि क्षीणता कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग नेत्र ज्योति बचाओ अभियान के तहत मोतियाबिंद का निशुल्क ऑपरेशन करवाता है। दो सप्ताह पहले अभियान के तहत भिवानी के जालान अस्पताल, करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज और झज्जर के जिला अस्पताल में मरीजों के ऑपरेशन हुए थे।
पिछले दो दिन में पीजीआईएमएस रोहतक में ऐसे 38 मरीज रेफर हो कर आए हैं, मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद एंडोपैथलमाइटिस संक्रमण हो गया है। जिससे उनकी आंखों की रोशनी जाने का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। इसमें भिवानी से 35, करनाल से दो व झज्जर से एक मरीज रेफर होकर आया है।
मरीजों ने बताया कि ऑपरेशन के एक दो दिन तो सब सही रहा और दिखाई देना भी शुरू हो गया था। बाद में अचानक तेज दर्द होना शुरू हो गया। डॉक्टरों को दिखाया तो उन्होंने संक्रमण की समस्या बताकर दवा लिख दी। दवा के बावजूद आराम नहीं हुआ तो फिर डॉक्टर के पास गए तो उन्हें पीजीआईएमएस रेफर कर दिया। स्थिति यह रही कि निजी अस्पतालों में भी डॉक्टरों ने उनका चेकअप करने से मना कर दिया और पीजीआईएमएस रोहतक जाने की सलाह दी। अब ऑपरेशन वाली आंख से उन्हें दिखाई ही नहीं दे रहा है।
बोले अधिकारी
38 मरीज रेफर होकर नेत्र विभाग में आए हैं। इन सभी की आंखों में संक्रमण हो गया है। नेत्र विभाग के डॉक्टरों से मिली जानकारी के अनुसार इन मरीजों को दर्द है और दिखाई नहीं दे रहा है। हमारे डॉक्टर प्रयास कर रहे हैं कि वह जल्द सही हों।
हमारे संज्ञान में कोई मामला नहीं है। इस बारे में बात करेंगे। कई प्रकार की संभावनाएं हैं, जब तक जांच नहीं होती कुछ नहीं कहा जा सकता। इन्फेक्शन के कई कारण हो सकते हैं, कई बार मरीज देखभाल न करे तो भी हो सकता है। इसकी जांच कराई जाएगी तभी कुछ कहा जा सकता है। – डा. रणदीप सिंह पूनिया, सिविल सर्जन झज्जर
सॉल्यूशन हो सकता है कारण
एक्सपर्ट इस मामले में मान रहे हैं कि इतने बड़े संक्रमण की वजह ऑपरेशन के दौरान प्रयोग होने वाला सॉल्यूशन हो सकता है। ऑपरेशन के मरीजों पर रिंगरलेक्टेट और मिओसेल जेल का प्रयोग हुआ और इसके संक्रमित होने की आशंका अधिक है।
एंडोऑप्थलमाइटिस संक्रमण बना दुश्मन
मोतियाबिंद ऑपरेशन के दौरान यदि दवा या ऑपरेशन का सामान संक्रमित हो तो मरीज को एंडोऑप्थलमाइटिस संक्रमण हो जाता है। संक्रमण का स्तर इतना अधिक है कि मरीजों की नेत्र ज्योति खत्म हो जाएगी। इस तरह के मरीजों को इंजेक्शन दिया जाता है, ताकि उनकी आंखों की पस सुखाई जा सके।