सीबीआइ की टीमों ने यूपी के बुलंदशहर जिलाधिकारी अभय सिंह के यहां मारा छापा, कई लाख नगदी बरामद

अवैध खनन, धन उगाही और अन्य बड़े अपराधों में लिप्त लोगों को यहां सीबीआइ की कार्रवाई आज भी जारी है। बुधवार सुबह सीबीआइ की टीमों ने यूपी के बुलंदशहर जिलाधिकारी अभय सिंह के आवास समेत 12 स्थानों पर छापा मारा है। अवैध खनन से जुड़े मामलों में सीबीआइ यह कार्रवाई कर रही है।

सीबीआइ ने लखनऊ, बुलंदशहर, फतेहपुर, आजमगढ़, इलाहाबाद, नोएडा, गोरखपुर, देवरिया आदि शहरों में यह छापेमारी की है। सीबीआइ ने आइएएस अधिकारी अभय कुमार सिंह और विवेक के खिलाफ एफआइआर दर्ज की है। इन छापों के दौरान अभय कुमार सिंह के घर से 47 लाख रुपये और देवी शरण उपाध्याय तत्कालीन एडीएम देवरिया के घर से 10 लाख रुपये नगद मिलने की सूचना है। देवी शरण उपाध्याय वर्तमान में सीडीओ आजमगढ़ हैं।

खनन घोटाले में लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी में आइएएस अधिकारी विवेक के घर पर भी छापा मारा है। विवेक देवरिया में मार्च, 2013 से जून, 2013 तक डीएम थे। उन पर उस दौरान खनन पट्टे में गड़बड़ी का आरोप है। वर्तमान में विवेक कौशल विकास निगम में एमडी के पद पर तैनात हैं। छापेमारी में विवेक के घर से संपत्तियों के तमाम कागजात मिले हैं।

बुलंदशहर डीएम अभय सिंह के आवास पर बुधवार सुबह सीबीआइ ने छापा मारा  खनन घोटाले के संबंध में छापेमारी की बात सामने आ रही है। सुबह दो वाहनों में सवार होकर पहुंची सीबीआई की टीम। डीएम आवास पर मीडिया कर्मियों व सरकारी अफसरों की एंट्री पर सीबीआइ ने रोक लगा दी है। गेट बंद कर दिया गया है। निजी कर्मचारियों को भी आवास से बाहर निकाल दिया गया है। गाजियाबाद सीबीआइ की टीम बताई जा रही है। 20 से अधिक सदस्य टीम में शामिल हैं।

डीएम आवास पर पिछले एक घंटे से कार्रवाई चल रही है। डीएम अभय सिंह आवास के अंदर मौजूद हैं। फतेहपुर में डीएम रहते खनन पट्टों की बंदरबांट में अभय सिंह से सीबीआइ पूछताछ कर रही है। बताया जा रहा है कि सपा सरकार में डीएम फतेहपुर रहे अभय सिंह से खनन घोटाले के तार जुड़े हैं। डीएम अभय सिंह चितौड़गढ़ (राजस्थान) के मूल निवासी हैं और करीब पांच माह पहले इनकी तैनाती बुलंदशहर में हुई थी। इसी मामले में कुछ दिन पहले बुलंदशहर की पूर्व डीएम रहीं बी. चंद्रकला के यहां भी छापेमारी हुई थी।

नोट गिनने की मशीन लेकर डीएम आवास पर पहुंची टीम

बुलंदशहर के जिलाधिकारी अभय सिंह के आवास पर सीबीआइ की टीम की जांच जारी है। सुबह करीब सात बजे टीम यहां पहुंची और आवास के दरवाजे बंद कर जांच शुरू की। करीब 11 बजे आवास का दरवाजा खुला और एक गाड़ी बाहर निकली। मीडिया से बिना बात करे ही गाड़ी तेजी से निकल गई। गाड़ी के आवास से जाने को लेकर तमाम चर्चाएं भी शुरू हुई। हालांकि कुछ देर बाद गाड़ी फिर वापस आवास के अंदर पहुंच गई। बताया जा रहा है कि गाड़ी में नोट गिनने वाली मशीन भी थी। गाड़ी के अंदर जाते ही फिर से आवास के गेट बंद कर दिए गए। चर्चा है कि डीएम आवास से जांच के दौरान टीम को बड़ी संख्या में नकदी बरामद हुई है, जिसे गिनने के लिए मशीन मंगाई गई है।

अब तक 47 लाख की नगदी बरामद होने की सूचना

बुलंदशहर जिलाधिकारी अभय सिंह के आवास पर जारी सीबीआइ की जांच में अभी तक 47 लाख रुपये की नगदी बरामद होने की सूचना मिली है। सूत्रों के अनुसार सीबीआइ टीम ने जांच के दौरान आवास की भी छानबीन की। इस दौरान डीएम के बेडरूम से रकम बरामद हुई। सीबीआइ सूत्रों के अनुसार डीएम अभय सिंह के खिलाफ फतेहपुर में डीएम रहने के दौरान खनन के पट्टों के आंवटन में बड़े स्तर पर गड़बड़ी हुई थी। इस मामले में सीबीआइ ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की है। उधर, डीएम आवास से रकम बरामद होने के बाद अभी भी जांच जारी है और कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज भी टीम को बरामद हुए हैं। इस संबंध में डीएम से पूछताछ चल रही है।

फतेहपुर में पट्टा धारकों के यहां सीबीआइ का छापा 

हाईकोर्ट के निर्देश पर मौरंग के अवैध खनन की जांच कर रही सीबीआइ टीम ने बुधवार को फतेहपुर जिले में पट्टाधराकों के घरों में छापामारी कर दस्तावेज खंगाले। टीम के पहुंचने से मौरंग कारोबारियों में खलबली मची रही। टीम ने हाईकोर्ट की रोक के बाद भी जिले में नवीनीकृत किए गए पांच पट्टों की सघन पड़ताल की।सीबीआइ टीम दिल्ली ने एक सीओ के नेतृत्व में शहर के हरिहरगंज मोहल्ले में पट्टाधारक शिवसिंह के यहां के छापा मारा। बताते हैं कि टीम के सदस्यों ने पट्टाधारक से खनन क्षेत्र के बारे में पूरी जानकारी हासिल की। इसके बाद असोथर कस्बे में पट्टाधारक सुखराज के यहां छापामारी की। टीम सुबह सात बजे ही आवास पहुंच कर पट्टाधारक से मौरंग घाट कोर्रा दो, व मक्षिगवां भूखंड के पट्टा व नवीनीकरण के दस्तावेज लिए। गुरवल, ओती व अढावल के तत्कालीन पट्टाधारकों के यहां भी टीम के सदस्य पहुंच कर पूछताछ के साथ दस्तावेज हासिल किए। बताते है कि टीम ने यह भी हिदायत दिया कि इस समय वह जिला छोड़कर बाहर न जाए किसी भी समय उनकों को बुलाकर पूछताछ की जा सकती है।

खनन के पटटे को लेकर हुई थी शिकायत

सूत्र बताते हैं कि गंगा के किनारे रामघाट में बालू के खनन के लिए अमरोहा निवासी एक ठेकेदार को खनन के लिए पट्टे का आंवटन किया गया था। एडीएम वित्त के अनुसार पट्टा जिले की पूर्व डीएम रही रोशन जैकब के कार्यकाल में हुआ था। हालांकि कई बार इस पट्टे पर नियमों का ताक पर रखकर खनन पिछले काफी समय से जारी है। इसकी शिकायत खुद सांसद डॉ. भोला सिंह ने भी वर्तमान डीएम अभय सिंह से कर जांच कराने के लिए कहा था, लेकिन डीएम ने कोई जांच नहीं कराई। अभी भी पट्टे पर खनन का काम जारी है। चर्चा है कि नियमों के खिलाफ किए जा रहे खनन की अनुमति के बदले मोटी रकम अधिकारियों को दी गई थी।

चार्ज संभालते ही चर्चाओं में रहे डीएम अभय सिंह

लोकसभा चुनाव से पहले 17 फरवरी को अभय सिंह ने डीएम का पदभार संभाला और अपनी कार्यशैली के लिए सुर्खियों में आ गए। पहले विकास भवन, तहसील परिसर आदि को औचक निरीक्षण कर करीब 70 अधिकारी और कर्मचारियों पर वेतन काटने आदि की कार्रवाई की। इसके बाद लगातार जिला अस्पताल का निरीक्षण करने और सीएमओ, एसीएमओ आदि को सार्वजनिक रूप से फटकार लगाने के लिए अभय सिंह चर्चाओं में रहे। इसके अलावा सबसे अधिक उनका नाम एक के बाद एक शस्त्र लाइसेंस जारी करने को लेकर भी चर्चाओं में रहा। सूत्र बताते हैं कि पिछले एक माह में ही तीन सौ से अधिक नए शस्त्र लाइसेंस डीएम द्वारा जारी किए गए।

इसके अलावा जिला पंचायत की बोर्ड बैठक को लेकर भी लगातार उन पर आरोप लगते रहे। साथ ही नुमाइश मैदान की जमीन और रंगशाला को लीज पर देने को लेकर भी तमाम सवाल उठाए गए। फिलहाल जिलाधिकारी अपने अधीनस्त अफसरों और कर्मचारियों को आए दिन फटकार लगाने को लेकर भी काफी चर्चाओं में हैं। मंगलवार की रात भी अभय सिंह दलबल के साथ शहर की सड़कों पर उतरे थे और यहां चल रहे सीवर लाइन के काम को लेकर निरीक्षण करने के साथ सिंचाई विभाग के अधिकारियों को मौके पर बुलाकर फटकार भी लगाई, साथ ही कोतवाली का निरीक्षण किया।

प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक के जीएम के घर भी कार्रवाई 

मध्य प्रदेश इंदौर की सीबीआइ टीम ने मुरादाबाद में प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक के महाप्रबंधक शैलेश रंजन सिंह के घर बुधवार सुबह छापा मारा। फ्लैट में काम करने आई बाई और बैंक से आए चालक तक को अंदर नहीं आने दिया गया। दोपहर तक पूछताछ चल रही है। सिविल लाइन थाना क्षेत्र के अंतर्गत रामगंगा विहार स्थित इंपीरियल ग्रीन अपार्टमेंट में सुबह गाजियाबाद नंबर की दो गाडिय़ा आकर रुकी। उसमें सवार सात लोग जैसे ही आगे बढ़े तो सोसाइटी के गार्ड हरिओम ने उन्हें रोक दिया था। गार्ड ने जैसे ही परिचय पत्र देखा, वह रुक गया और इंटरकॉम से जीएम को सूचना देने की कोशिश करने लगा।

सीबीआइ के एक अफसर ने गार्ड को सूचना करने से मना कर दिया। इसके बाद टीम के अफसर लिफ्ट से जीएम के फ्लैट में चले गए। घंटी बजी तो सामने जीएम ने ही फ्लैट खोला। आठ बजे करीब जब काम करने वाली बाई अंदर पहुंची तो उसको बाहर से रोक दिया गया। कुछ देर बाद बैंक से चालक पहुंचा, उसको वहीं बैठा दिया गया। फ्लैट को अंदर से बंद कर सीबीआइ टीम पूछताछ करती रही। सीबीआइ छापे की जानकारी मिलते ही अपार्टमेंट में खलबली मच गई। निजी कार चालक वीरेंद्र सिंह भी फ्लैट का दरवाजा न खुलने पर वापस लौट गया। सीबीआइ टीम दोपहर 12.30 बजे तक फ्लैट के ही अंदर थी। दूध वाले तक को भी अंदर इजाजत नहीं मिली।

इस संबंध में प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक के चेयरमैन अनिल कुमार शर्मा ने बताया कि किस मामले में पूछताछ हो रही है, कहां की टीम है। यह जानकारी में नहीं है। इतना जरूर पता चला है कि शैलेश रंजन की मध्य प्रदेश के इंदौर में तैनाती के दौरान किसी मामले में जांच चल रही है। प्रथमा बैंक का हाल ही में नाम बदलकर प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक हो गया है, पंजाब नेशनल बैंक इसकी प्रायोजक बैंक बनी है।

1100 करोड़ के चीनी मिल घोटाले में कार्रवाई

मंगलवार को सीबीआइ की टीमों ने बसपा सुप्रीमो मायावती के प्रमुख सचिव तथा प्रमुख सचिव गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग रहे नेतराम (सेवानिवृत्त आइएएस) के गोमतीनगर स्थित आवास तथा बसपा सरकार में चीनी मिल निगम संघ के एमडी रहे विनय प्रिय दुबे (सेवानिवृत्त आइएएस ) के अलीगंज स्थित घर समेत 14 ठिकानों पर छापेमारी की थी। सीबीआइ ने लखनऊ के अलावा सहारनपुर, गाजियाबाद व दिल्ली में भी छापेमारी की। सीबीआइ ने करोड़ों रुपये की संपत्तियों सहित घोटाले से जुड़े कई अहम दस्तावेज कब्जे में लिये हैं। इससे पूर्व आयकर विभाग ने लोकसभा चुनाव से पहले नेतराम व उनके करीबियों के ठिकानों पर छापेमारी कर 225 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों के दस्तावेज कब्जे में लिये थे।

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