सांस की बीमारी को न्यौता देती हैं आपकी ये लापरवाही

सांस लेने में समस्या किसी को कभी भी हो सकती है। इस बीमारी पर सही समय पर गौर ना किया जाए तो यह काफी दिक्कत कर सकती है। लेकिन कुछ जरूरी सावधानियां बरतकर हम इस समस्या से बच सकते हैं। अस्‍थमा एक गंभीर बीमारी है। इसका पूरी तरह इलाज किया जाना संभव नहीं है। हालांकि, कुछ तरीके हैं जिन्‍हें अपनाकर आप इस बीमारी को नियंत्रित जरूर कर सकते हैं। इस बीमारी को नियंत्रित करके आप इसके दीर्घकालिक प्रभावों से भी बचे रह सकते हैं। दमा सिर्फ युवाओं और व्यस्कों को ही नहीं बल्कि बच्चों को भी अपनी चपेट में ले लेता है। अस्‍थमा होने के कई कारण हैं, मगर 10 कारण प्रमुख हैं, जिसके बारे में हम आपको इस लेख के माध्‍यम से बता रहे हैं। आइये जानते हैं किन चीजों से सांस की समस्या पैदा होती है और कैसे बचा सकता है।सांस की बीमारी को न्यौता देती हैं आपकी ये लापरवाही

मोमबत्ती

मोमबत्ती से निकलने वाले धुएं में कार्बन मोनोऑक्साइड होता है। बंद कमरे में मोमबत्ती जलाने से एलर्जी और अस्थमा की समस्या हो सकती है। इसलिए बंद कमरे में मोमबत्ती जलाना अवॉइड करें। और इसके ज्यादा पास न बैठें।

एयर फ्रेशनर

इसकी खुशबू को बनाने में कई ऐसे केमिकल्स का यूज किया जाता है जिनसे एलर्जी और अस्थमा की समस्या हो सकती है।इसलिए एयर फ्रेशनर का कम से कम प्रयोग करें। तेज खुशबू वाले एयर फ्रेशनर्स को अवॉयड करने में ही फायदा।

आटा

जब आटे का पाउडर उड़कर सांसों के जरिए बॉडी में जाता है तो इससे एलर्जी, इरिटेशन और सांस की समस्या हो सकती है। अगली बार आप जब भी आटा चक्की पर जाएं तो इस दौरान मास्क का प्रयोग करें।

पालतू जानवर

घर में मौजूद आपका पालतू (डॉग या कैट) भी सांस की समस्या का कारण बन सकते हैं। इनके गीले होने पर आने वाली गंध और इनकी डस्ट सांसे लेने में परेशानी बढ़ाते हैं। इलविए पालतू को छूने के बाद हाथ जरूर धोएं। इन्हें गंदगी में न रहने दें और जब ये गीले हों तो इनसे दूर रहें।

प्रदूषण से बचें

गाड़ियों से निकलने वाले धुएं में हाइड्रोक्लोरिक ऐसिड केमिकल और कार्बन डाइ ऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड जैसी गैसें होती हैं। ये गैसे वायु प्रदूषण फैलाता है जिसके कारण जब हम सांस लेते हैं तो इसके कण हमारे अंदर प्रवेश कर जाते है। इससे बचने के लिए हमेशा एंटी पोल्यूशन मास्क का उपयोग करें।

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