सर्वे: इस मामले में, महिलाएं पुरुषों से ज्यादा काबिल

नई दिल्ली

नैशनल रोड सेफ्टी वीक 2017 के तहत लोगों को जागरुक करने की दिशा में होंडा ने 250 शहरों के 24,000 लोगों के बीच रोड सेफ्टी पर सर्वे किया व लोगों को जानकारी दी। इस सर्वे में भारी संख्या में जहां, भारतीय दोपहिया वाहन चालक फेल हो गए वहीं, महिलाओं ने दिखा दिया कि वे इस मामले में भी पुरुषों से दो कदम आगे हैं।
सर्वे: इस मामले में, महिलाएं पुरुषों से ज्यादा काबिल
होंडा की तरफ से रोड साइन आईक्यू सर्वे आयोजित करवाया गया, जिसमें दोपहिया वाहनचालकों से रोड सेफ्टी चिह्नों पर लोगों की समझ को परखा गया। 10 प्रमुख शहरों के तकरीबन 1,500 दोपहिया वाहनचालकों ने रोड साइन आईक्यू सर्वे में हिस्सा लिया, जिसमें ज्यादातर लोग फेल होते दिखे। पता चला कि करीब 80 प्रतिशत दोपहिया वाहन चालकों को अनिवार्य व चेतावनी वाले सुरक्षा चिह्नों का सही-सही ज्ञान नहीं है।

महिलाओं ने मारी बाजी

इस बात से मैं पूरी तरह सहमत नहीं हूँ , काबिल लड़के ही जादा होते हैं पर सावधानी लड़कियां अधिक बरतती हैं.

बता दें कि टू वीलर चलाने वाले ज्यादातर परुष हैं, बावजूद इसके 26% महिलाएं ठीक ढंग से सड़क चिह्नों की पहचान कर पाईं, वहीं पुरुषों का आंकड़ा सही सड़क सुरक्षा चिह्नों की पहचान करने को लेकर 21% ही रहा। सर्वे के परिणामों को देखते हुए पता चला कि भारत दोपहिया वाहनों का बड़ा बाजार तो है, लेकिन यहां सड़क सुरक्षा चिह्नों को लेकर लोगों की साक्षरता बेहद कम है। सर्वे के मुताबिक, 78% भारतीय 50% सड़क सुरक्षा चिह्न नहीं पहचान सके।

सबसे ज्यादा जागरुक शहरों में मुंबई 79% के साथ टॉप पर रहा, जहां के लोग सुरक्षा चिह्नों को लेकर सबसे ज्यादा जागरुक नजर आए। मुंबई के बाद इस सूची में पुणे (63%) रहा। इसके बाद बेंगलुरु (41%) ने लिस्ट में अपनी जगह बनाई। सर्वे के नतीजों से पता चलता है कि हमें रोड सेफ्टी के 3Es (एनफोर्समेंट, इंजिनियरिंग और एडुकेशन) समझने की जरूरत है।

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