सभी कष्टों का निवारण करेगा तेल, जानें इसके ज्योतिषीय उपायों के बारे में

भारत में भोजन और अच्छे स्वास्थ्य के लिए तेल का इस्तेमाल तो आप जानते ही होंगे, लेकिन क्या आप जानते है कि आध्यात्मिक दृष्टि से भी तेल का बड़ा महत्व माना जाता है। शनिदेव और हनुमान जी को तेल ही चढ़ाया जाता है। तेल की मदद से कई ज्योतिषीय उपाय किये जाते है जो आपके कष्टों का निवारण करने के लिए काफी हैं। आज हम आपको तेल के उन्हीं उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपके लिए काफी मददगार साबित होंगे।सभी कष्टों का निवारण करेगा तेल, जानें इसके ज्योतिषीय उपायों के बारे में

* शराब छुड़वाने के लिए एक शराब की बोतल किसी शनिवार को शराब पीने वाले के सो जाने के बाद उसके ऊपर से 21 बार वार लें। फिर उस बोतल के साथ किसी अन्य बोतल में 800 ग्राम सरसों का तेल लेकर आपस में मिला लें और किसी बहते हुए पानी के किनारे में उल्टा गाड़ दें जिससे बोतलों के ऊपर से जल बहता रहे।

* शनिवार को सवा किलो आलू और बेंगन की सब्जी सरसों के तेल मे बनाए। उतनी ही पुरियां सरसों के तेल मे बनाकर अंधे, लंगडे व गरीब लोगो को यह भोजन खिलाए। ऐसा कम से कम 3 शनिवार करेंगे तो शरिर्रिक कष्ठ दूर हो जायेगा।

* अगर आपको अपनी कोई मनोकामना पूर्ण करवानी है तो शनिवार या मंगलवार के दिन हनुमान जी के मंदिर जाकर तिल का तेल चढ़ाएं। ध्यान रहे, हनुमान जी के समक्ष चमेली के तेल का दीपक नहीं जलाया जाता वरन् उनके शरीर पर चमेली का तेल लगाया जाता है।

* चमेली के तेल को हर मंगलवार या शनिवार को सिन्दूर और चमेली का तेल अर्पित करना चाहिए। नियमित रूप से हनुमान को धुप-अगरबत्ती लगाना चाहिए। हार-फुल अर्पित करना चाहिए। हनुमान जी को चमेली के तेल का दीपक नहीं लगाया जाता बल्कि तेल उनके शरीर पर लगाया जाता है। ऐसा करने पर सभी तरह की मनोकामना पूर्ण हो जाती है।

* कच्ची घानी के तेल के दीपक में लौंग डालकर हनुमानजी की आरती करें। अनिष्ट दूर होगा और धन भी प्राप्त होगा।

* सरसों के तेल और आटे का दान करना घर में हर तरह के क्लेश और झगड़े को खत्म करता है। आप इसे किसी भी मंदिर या आश्रम में दान कर सकते हैं।

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