सबकी शादी की मुराद पूरी करनेवाला शिवलिंग, दिन में 3 बार बदलता है अपना रंग…

हर शहर में भगवान शिव के कई मंदिर होते हैं और इनमें अचलेश्वर महादेव के नाम से भी मंदिर आपको मिल ही जाएगा। हमारे देश के साथ ही दुनियाभर में कई स्वयंभू शिवलिंग हैं। जब भक्तों को इनकी जानकारी हुई तो उन्होंने यहां मंदिरों का निर्माण कर इन्हें अपनी आस्था का केंद्र बना लिया। राजस्थान के धौलपुर में भी अचलेश्वर महादेव का ऐसा ही मंदिर है जो स्वयंभू है। लेकिन इसकी कुछ खासियत इसे भोले के अन्य मंदिरों से अलग अलग करती हैं…सबकी शादी की मुराद पूरी करनेवाला शिवलिंग, दिन में 3 बार बदलता है अपना रंग...

बीहड़ों के बीच शिव महिमा
राजस्थान का एक जिला है धौलपुर। यह अपने बीहड़ के लिए प्रसिद्ध है। इन बीहड़ों के बीच स्थित है भगवान भोलेनाथ का एक मंदिर, जो अचलेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है।

दुर्गम रास्ता और भक्तों की कतारें
बीहड़ एरिया होने के कारण इस मंदिर तक पहुंचने का रास्ता काफी कठिन है। साथ ही खतरों से भी भरा है। लेकिन भोले की भक्ति के आगे भक्त कुछ नहीं देखते और हर मुश्किल और डर को किनारे रखकर भोले के दर्शनों के लिए पहुंचते हैं।

रंग बदलता शिवलिंग
कहते हैं कि इस मंदिर में स्थित शिवलिंग दिन में तीन बार रंग बदलता है। सुबह के समय यह सूरत की आभा-सा लाल रहता है और भर दोपहर में केसरिया रंग का। फिर दिन ढलते-ढलते यह श्याम रंग का हो जाता है। यह चमत्कार कैसे और क्यों घटता है, इसका किसी के पास जवाब नहीं है।

कोई नहीं जान पाया गहराई
कहते हैं कि कठिन और खतरों से भरे रास्ते होने के कारण कई साल पहले शिवभक्तों ने प्रभु के इस स्वयंभू शिवलिंग को यहां से शिफ्ट करने के इरादे से खुदाई की थी। लेकिन उन्हें यह खुदाई बीच में ही बंद करनी पड़ी क्योंकि काफी गहराई तक खुदाई करने के बाद भी इस शिवलिंग के अंतिम छोर का कहीं पता नहीं चला।

कुंवारों के बीच विशेष आकर्षण
मनवांछित जीवनसाथी पाने के लिए सावन के सोमवार का व्रत कुंवारे लोगों के बीच खासा लोकप्रिय है। इसी तरह कहा जाता है धौलपुर स्थित यह अचलेश्वर महादेव का मंदिर विवाह के इच्छुक लोगों की मुराद जल्दी पूरी करता है। अपने लिए सुयोग्य जीवनसाथी की मनोकामना लेकर बड़ी संख्या में युवा यहां पहुंचते हैं।

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