जानिए श्रीलंका हमलों का दोषी नेशनल तौहीद जमात के बारे में कुछ ऐसी बाते, जिसने श्रीलंका को हिला के रख दिया…

श्रीलंकाई सरकार ने सोमवार को एशिया के सबसे घातक आतंकवादी हमलों में से एक के लिए नेशनल तौहीद जमात को जिम्मेदार ठहराया है। सात आत्मघाती हमलावरों ने ईस्टर रविवार को ईसाई लोगों को निशाना बनाते हुए तीन चर्चों और तीन लक्जरी होटलों में करीब-करीब एक साथ बम विस्फोट किए, जिसमें 290 से अधिक लोग मारे गए। जानिए कौन है नेशनल तौहीद जमात आतंकी संगठन और इस्लामिक स्टेट से कैसे जुड़ रहे हैं इसके तार…।

माना जाता है कि कट्टरपंथी श्रीलंकाई मुस्लिम समूह नेशनल तौहीद जमात (NTJ) देश में एक और कट्टर इस्लामिक समूह श्रीलंका तौहीद जमात (SLTJ) से अलग हो गया है। हालांकि, यह अभी भी अपेक्षाकृत अज्ञात है, लेकिन SLTJ थोड़ा अधिक स्थापित है। इसके सचिव अब्दुल रजीक को साल 2016 में बौद्धों के खिलाफ नफरत भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। बाद में उन्होंने माफी मांगी थी।

हालांकि, NTJ पिछले साल श्रीलंकाई सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर उस वक्त आया था, जब इसे द्वीप राष्ट्र में बौद्ध प्रतिमाओं को तोड़ा था। समूह वहाबी विचारधारा को पोषित करता है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यह कट्टरपंथ और आतंकवाद की तरफ ले जाती है। यह इस्लाम का एक संक्षिप्त रूप है, जो कुरान की एक शुद्धतावादी व्याख्या पर जोर देता है। कट्टर वहाबियों का मानना ​​है कि वे सभी लोग जो इस्लाम के उनके रूप का पालन नहीं करते हैं, वे कट्टर और दुश्मन हैं।

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बताया जाता है कि साल 2014 में पूर्वी श्रीलंका के मुस्लिम बहुल शहर कट्टनकुडी में इसकी स्थापना की गई थी। यह भी कहा जाता है कि SLTJ की कथिततौर पर भारत के तमिलनाडु में भी मौजूदगी है, जहां यह तमिलनाडु तौहीद जमात (TNTJ) और इंडियन तौहीद जमात के नाम से मौजूद है।

नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर के इंस्टीट्यूट ऑफ साउथ एशियन स्टडीज के शोध सहयोगी इरोमि धर्मवर्धने ने दिसंबर 2015 में एक रिसर्च पेपर दिया था। इसमें उन्होंने कहा था कि SLTJ का प्रभुत्व स्थापित हो रहा है। यह संगठन भारत में स्थित तमिलनाडु तौहीद जमात नाम के एक चरमपंथी संगठन से प्रभावित था।

वेबसाइट thowheed.org के अनुसार, यह TNTJ को समर्पित है। साइट के WHOIS डेटा से पता चलता है कि यह पिछले साल अगस्त में चेन्नई के मन्नाडी के अहमद अहमद के नाम से रजिस्टर की गई थी, जिसमें एक फर्जी फोन नंबर (+91.000000000) दिया गया है। तमिलनाडु का यह संगठन SLTJ से संबंधित है, न कि NTJ से जिसे श्रीलंका के हमलों के लिए दोषी ठहराया गया है।

श्रीलंका की सुरक्षा एजेंसियों को 11 अप्रैल को खुफिया अलर्ट मिला था, जिसमें कोलंबो को डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस के दस्तखत थे। इसमें साफ कहा गया था कि एक आतंकी संगठन की तरफ से आत्मघाती आतंकी हमले की योजना के बारे में कहा गाय था, जिसे नेशनल तौहीद जमात अंजाम देगा और जिसका नेतृत्व मोहम्मद सहारन नाम का व्यक्ति कर रहा है।

हालांकि, श्रीलंका में हुए आतंकी हमले को स्थानीय युवकों ने अंजाम दिया है। मगर, जांच में यह बात सामने आ रही है कि उसे इस्लामिक स्टेट जैसे अन्य आतंकी संगठनों से मदद मिली होगी। साल 2016 में जस्टिस मिनिस्टर ने कहा था कि श्रीलंका में 32 मुस्लिम सीरिया में जाकर आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट में शामिल हुए थे। अब सीरिया में आईएस के खात्मे के बाद यह आशंका जताई जा रही है कि विदेश में लड़ने गए लड़ाके वापस अपने देशों में लौट रहे हैं।

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