शुक्रवार के दिन इस तरह पूजा कर के प्रसन्न करें माता पार्वती को
सबसे पहले करें संकल्प
किसी भी पूजा के पहले शुद्ध मन से उसका संकल्प करना जरूरी है। इसीलिए जब देवी पार्वती का भी पूजन शुक्रवार को करें तो पहले उसका सकंल्प लें। इसके लिए हाथों में जल, फूल व चावल लें, अब जिस दिन पूजन कर रहे हैं उस वर्ष, वार, तिथि स्थान और अपने नाम का स्मरण करते हुए अपनी मनाकामना को दोहरायें। अब हाथों में ली हुई सामग्री को को जमीन पर छोड़ दें। आपका संकल्प पूरा हुआ अब पूजा की शुरूआत करें।
प्रत्येंक पूजा में गणपति का प्रथम स्थान माना जाता है और माता पार्वती तो श्री गणेश की माता है तो उन्हें इसकी सर्वाधिक प्रसन्नता होगी ही। इसके लिए सबसे पहले गणेश जी को स्नान करा कर वस्त्र अर्पित करें, अब उन्हें गंध, पुष्प और अक्षत अर्पित करें। इसके बाद देवी पार्वती का पूजन शुरू करें। पूजा के लिए पार्वती जी की मूर्ति भगवान शिव के बायीं और स्थापित करें। इस मूर्ती में माता का आवाहन करें और उन्हें शुद्ध जल से स्नान करा कर सुंदर वस्त्र पहनायें। इसके बाद मूर्ती को आसन पर स्थापित करें। अब देवी को आभूषण पहनाएं, फिर पुष्प और पुष्पमाला पहनाएं। इसके बाद सुगंधित इत्र अर्पित करें। बिंदी लगायें और सिंदूर अर्पित करें। धूप, दीप चढ़ाने के साथ फूल और चावल भी अर्पित करें। इसके बाद दीपक प्रज्जवलित करके माता की आरती करें। अब भोग लगायें। देवी पार्वती की पूजा में इन मंत्रों का जाप अवश्य करें, ’ऊं गौर्ये नमः’’ और ’’ऊं पार्वत्यै नमः।
माता की पूजन सामग्री
देवी पावर्ती की पूजा में इस सामग्री का विशेष प्रयोग होता है। मूर्ति के स्नान के लिए तांबे का पात्र, जैसे लोटा या कलश, दूध, अर्पित किए जाने वाले वस्त्र और आभूषण। चावल, कुमकुम, दीपक, तेल, रुई, धूपबत्ती, अष्टगंध, गुलाब के फूल। प्रसाद के लिए फल, दूध, मिठाई, नारियल, पंचामृत, सूखे मेवे, शक्कर, पान। देवी की पूजा में दक्षिणा का भी काफी महत्व होता है। चाहे सुपात्र को धन दें या सौभाग्य की वस्तुयें दान करें