जो भक्त हमेशा शनिवार के दिन हनुमानजी के दर्शन और उनकी पूजा करता है शनिदेव कभी भी अपनी खराब दृष्टि उन भक्तों पर नहीं डालते हैं।
शनिदेव अपने पिता सूर्यदेव से बैर रखते है इसलिए संभव हो इस दिन सूर्यदेव की पूजा नहीं करना चाहिए।
जब भी शनिदेव की प्रतिमा या तस्वीर के दर्शन करें तो इस बात का ध्यान रखें कि उनकी आंखों में आंख डाल कर उन्हें न देखें। हमेशा शनिदेव के चरणों के दर्शन करना चाहिए।
शनिवार और शनि अमावस्या के दिन गरीबों और असहायों की सेवा करना चाहिए। साथ उन्हें कुछ दान देना शुभ माना जाता है।
शनि अमावस्या के दिन अगर संभव हो सके तो अपनी यात्रा को टाल देना चाहिए।
शनि पूजा के दिन ब्रह्राचर्य का पालन करना चाहिए और काली वस्तुओं का दान करना चाहिए।
शनि अमावस्या और शनि पूजा के दौरान काली गाय और कुत्तों को तेल से बने चीजें खिलानी चाहिए।
शनि अमावस्या और शनिवार के दिन भूलकर भी लोहे से बनी हुई चीजों की खरीददारी नहीं करनी चाहिए।
शनि अमावस्या के दिन शनि के मंदिर में जाकर शनिदेव और पीपल के पेड़ को तेल के दीये अर्पित करना चाहिए।