विजयदशमी 2018 : आज मनाया जाएगा दशहरा, इस मुहूर्त में करें रावण दहन

शास्त्रों के अनुसार त्रिश्वेतवाराहकल्प के सातवें वैवस्वत मनमन्वतर के 25 द्वापर के त्रेतायुग में भगवान श्रीराम ने अपने ही गणरूपी भक्त रावण का वध किया था। जिस दिन मारकेश की दशा का भोगकाल शुरु हुआ, उसी दिन मां अपराजिता की पूजा करके भगवान श्रीराम ने रावण के नाभि में अग्निबाण चलाया। यह जानते हुए कि रावण अपने हृदय में प्रतिक्षण मां सीता को मातृरूप में धारण करते हैं, इसलिए राम ने अग्निबाण चलाकर उसको विह्वल कर दिया। ऐसे में रावण का ध्यान मां सीता पर से हट गया। उसी क्षण मां अपराजिता की प्रेरणा से भगवान राम ने ब्रह्मास्त्र चलाकर उसका वध कर दिया।विजयदशमी 2018 : आज मनाया जाएगा दशहरा, इस मुहूर्त में करें रावण दहन

अनंत काल से हो रही मां अपराजिता की पूजा

मां अपराजिता की पूजा कल्प के आरंभ से ही हो रही थी, लेकिन जब भगवान राम ने मां अपराजिता की प्रेरणा से रावण पर विजय पायी तो इस दिन देवलोकवासियों ने भी विजय की देवी का पूजन किया। वैसे तो इनकी पूजा का आरंभ दिन के दसवें विजय मुहूर्त में होता है लेकिन रावण पर विजय के पश्चात सायंकालीन प्रदोष बेला में भगवान श्रीराम ने अपराजिता की पूजा की। तभी से अश्विन शुक्लपक्ष दशमी को मां अपराजिता की पूजा करके विजयदशमी के रूप में मनाया जाने लगा।

इस मुहूर्त में करें रावण दहन
जिस दिन राम द्वारा रावण पर विजय प्राप्त हुई, उस दिन श्रवण नक्षत्र विद्यमान था। इसलिए ऋषियों ने विजयदशमी के दिन श्रवण नक्षत्र का होना सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त के रूप में माना। नारद पुराण, स्कंद पुराण, भविष्य पुराण, ज्योतिर्निबंध, तिथि तत्व, व्रत परिचय आदि ग्रंथों में दशमी तिथि प्रदोष बेला और श्रवण नक्षत्र की उपस्थिति को श्रेष्ठ माना गया है। इसलिए सूर्यास्त से त्रिमुहूर्तिकाल (72 मिनट) को रावण दहन के लिए श्रेष्ठ माना गया है। देश की राजधानी दिल्ली में रावण दहन के लिए सायंकाल 06:43 मिनट से 07:55 मिनट तक का मुहूर्त श्रेष्ठ रहेगा।

इन कार्यों के लिए रहेगा शुभ
ज्योतिष ग्रंथों के अनुसार विजयदशमी स्वयं सिद्धमुहूर्त है, इसलिए इस दिन किए जाने वाले किसी भी तरह के कार्य के लिए मुहूर्त चिंतन की आवश्यकता नहीं पड़ती। अत: आप इस दिन किसी भी तरह कार्य, व्यापार आरंभ करना चाहें तो यह श्रेष्ठ रहेगा। इस दिन मकान, वाहन, जमीन-जायदान आदि के लिए बयाना देना, किसी भी तरह का स्थिर कार्य करना श्रेष्ठ रहेगा।

इस पूजा से बनेंगे काम
विजयदशमी के दिन प्रात:काल शमी के पेड़ की पूजा करना शुभ माना जाता है। साथ ही इस दिन नीलकंठ भगवान का दर्शन भी अति शुभ माना जाता है। साथ ही इसी दिन विजय की कामना के साथ शस्त्रों की पूजा भी की जाताी है।

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