वास्‍तु: आपके घर के बेडरूम, बाथरूम और किचन के लिए क्या है सही दिशा, जानिए

आज की तारीख में घर बनवाने के लिए व्‍यक्ति के पास एक छोटा सा भूखंड होता है। उसी भूखंड में उसको बेडरूम, बाथरूम, किचन और पूजाघर सब कुछ बनवाना होता है। मगर घर को बनवाने के लिए सबसे जरूरी है सभी कमरे सही दिशा में बनें। इसके लिए वास्‍तु सबसे सही उपाय है। वास्‍तु के आधार पर आप जान सकते हैं घर के सभी कक्षों की सही दिशा क्‍या होगी। आइए देखते हैं ये…

पूजाघर के लिए सही दिशा
पूजाघर ईशान कोण में होना सर्वश्रेष्‍ठ माना जाता है। सूर्योदय के वक्‍त सूर्य की किरणें इस स्‍थान पर पड़ें तो घर के वातावरण को शुद्ध करता है। पूजा करते समय आपका मुख उत्‍तर या पूर्व या फिर उत्‍तर-पूर्व में रहना चाहिए। पूजाघर के आस-पास ऊपर या नीचे शौचालय नहीं होना चाहिए। पूजाघर में पेंट का रंग हल्‍का पीला, नारंगी या फिर आसमानी होना चाहिए। पूजाघर के निकट तुलसी का पौधा होना भी शुभ माना जाता है।

बाथरूम बनवाएं इस दिशा में
हो सके तो बाथरूम आपको पूर्व दिशा में बनवाना चाहिए। कहते हैं कि स्‍नान के वक्‍त यदि सूर्य का प्रकाश तन पर पड़ता है तो इसका आपको स्‍वास्‍थ्‍य लाभ मिलता है। बाथरूम में पानी का बहाव पूर्व दिशा की ओर ही होना चाहिए। बाथरूम में टाइल्‍स का रंग भी हल्‍का होना चाहिए।

किचन होना चाहिए इस दिशा में
आपका किचन आग्‍नेय कोण यानी दक्षिण पूर्व दिशा में होना चाहिए, क्‍योंकि इस दिशा में अग्नि देवता का वास माना जाता है। गैस, चूल्‍हा बर्नर इसी दिशा में रखा जाना चाहिए। भोजन बनाते समय गृहिणी का मुख पूर्व की ओर रहे तो बहुत शुभ होता है। वहीं पश्चिम की ओर देखते हुए भी भोजन बना सकते हैं। भूलकर भी किचन ईशान कोण में नहीं होना चाहिए। ऐसा होने से अग्नि दुर्घटनाओं का भय बना रहता है।

बेडरूम के लिए यह दिशा होगी सही
आपका मास्‍टर बेडरूम दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना चाहिए। ऐसा होना गृह स्‍वामी के लिए शुभ होता है। नए शादीशुदा लोगों के लिए बेडरूम की सही दिशा उत्‍तर या फिर वायव्‍य कोण होना चाहिए। कुंवारी कन्‍याओं के लिए बेडरूम वायव्‍य कोण यानी उत्‍तर-पश्चिम दिशा में सही रहता है। ध्‍यान रहे कि सोते वक्‍त सिर उत्‍तर दिशा में नहीं होना चाहिए। बेडरूम में आग्‍नेय कोण में होना भी शुभ नहीं माना जाता है। पति-पत्‍नी में कलह निद्रा का अभाव और चिंताग्रस्‍त रहते हैं।

अलमारी या फिर तिजोरी
नकद धन या फिर सोना-चांदी रखने के लिए उत्‍तर दिशा सबसे उपर्युक्‍त है। उत्‍तर दिशा में कुबेर देवता का वास माना जाता है। अलमारी या फिर तिजारी को ईशान कोण में नहीं रखना चाहिए। अलमारी के ऊपर सूटकेस या फिर अन्‍य भारी सामान नहीं रखना चाहिए। ऐसा करने से धन की हानि होती है।

शौचालय रखें इस दिशा में
शौचालय को वायव्‍य कोण में बनाना उचित रहता है। मगर भूलकर भी ईशान, आग्‍नेय कोण या फिर भवन के मध्‍य में न बनाएं। शौचालय में सीट इस दिशा में हो कि बैठने वाले का मुख उत्‍तर या दक्षिण की ओर रहे।

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