रोज पूजा-पाठ करने के बाद भी मनोकामनाएं नहीं हो रहीं हैं पूरी तो इन 7 बातों का रखें ध्यान

घर के मंदिर में पूजा-पाठ से जुड़ी छोटी-छोटी गलतियां होती हैं तो मनोकामनाएं अधूरी रह जाती हैं। अगर पूजा सावधानी से और सही तरीके से की जाए तो हमारी परेशानियां दूर हो सकती हैं। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार पूजा करते समय मूर्ति को हार-फूल पहनाए जाते हैं, इस समय ध्यान रखें कि फूलमाला से भगवान का चेहरा नहीं ढंकना चाहिए। जानिए मंदिर में पूजा करते समय किन गलतियों से बचना चाहिए… रोज पूजा-पाठ करने के बाद भी मनोकामनाएं नहीं हो रहीं हैं पूरी तो इन 7 बातों का रखें ध्यान

पहली गलती : घर में मंदिर के लिए सबसे अच्छी दिशा उत्तर, पूर्व और उत्तर-पूर्व का कोना मानी गई है। कभी भी दक्षिण दिशा में या दक्षिण-पश्चिम दिशा के कोने में मंदिर नहीं रखना चाहिए। ये गलती करने पर पूजा-पाठ सफल नहीं हो पाती है।

दूसरी गलती : काफी लोग किचन में मंदिर की स्थापना कर लेते हैं। वास्तु के अनुसार ये एक गलती है। किचन में मंदिर शुभ नहीं माना जाता है।

तीसरी गलती : भगवान की खड़ी स्थिति में मूर्ति रखने से बचें। गणेशजी, मां लक्ष्मी और देवी सरस्वती की मूर्तियां खड़ी स्थिति में नहीं रखनी चाहिए।

चौथी गलती : मंदिर के आसपास बाथरूम नहीं होना चाहिए। ध्यान रखें अगर मंदिर पास ही बाथरूम भी है तो ऐसी जगह पर पूजा करने पर मनोकामनाएं पूरी नहीं हो पाती हैं।

पांचवीं गलती : कुछ लोग जगह की कमी के कारण सीढ़ियों के नीचे मंदिर बना लेते हैं। वास्तु के अनुसार ये शुभ नहीं है। इससे बचना चाहिए।

छठी गलती : मंदिर के ऊपर या आसपास अनावश्यक सामान न रखें। साथ ही, जहां देवी-देवताओं की मूर्तियां रखी हैं, वहा साफ-सफाई जरूर रखें।

सातवीं गलती : मंदिर में ज्यादा वजन वाली या बड़ी मूर्तियां नहीं रखनी चाहिए। ध्यान रखें खंडित मूर्तियां भी मंदिर में न रखें

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