राजधानी में मस्जिद के लाउडस्पीकर से ध्वनि प्रदूषण, एनजीटी ने तलब की नई कार्ययोजना

राष्ट्रीय राजधानी में कुछ मस्जिदों के लाउडस्पीकर से हो रहे ध्वनि प्रदूषण पर रोकथाम लगाने में विफल पूर्वी और दक्षिणी क्षेत्र के साथ शाहदरा के जिला उपायुक्त को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) को कड़ी फटकार लगाई है। पीठ ने अपनी टिप्पणी में कहा कि अधिकारी अपनी जिम्मेदारी को टाल नहीं सकते।राजधानी में मस्जिद के लाउडस्पीकर से ध्वनि प्रदूषण, एनजीटी ने तलब की नई कार्ययोजना

शांतिपूर्ण वातावरण और स्वच्छ पर्यावरण हासिल करना आम लोगों का बुनियादी अधिकार है। ऐसे में तीन महीनों के भीतर ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण के लिए एक बेहतर कार्ययोजना तैयार की जाए। वहीं, अगली सुनवाई तक आदेश का पालन करते हुए संबंधित अधिकारी ट्रिब्यूनल के समक्ष पेश हों। 

जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने अखंड भारत मोर्चा की याचिका पर यह आदेश दिया है। पीठ ने 11 मार्च की एक रिपोर्ट पर गौर करने के बाद कहा कि पूर्वी दिल्ली के जिला उपायुक्त की ओर से ध्वनि प्रदूषण करने वाले महज चार लोगों के खिलाफ आदेश जारी किया गया है। 

वहीं, ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम के लिए पेश की गई कार्ययोजना सिर्फ खानापूर्ति भर है। इससे स्पष्ट होता है कि जिम्मेदारी से बचने की कोशिश की गई है। यदि अधिकारी जिम्मेदारी नहीं निभाएंगे तो शासन पूरी तरह विफल हो जाएगा।

पीठ ने कहा कि संबंधित अधिकारियों का दायित्व है कि वह न सिर्फ ध्वनि प्रदूषण वाले स्थानों की पहचान करें बल्कि उन स्थानों पर ध्वनि मापक यंत्रों को भी संचालित करें। निगरानी और खोजबीन का तंत्र भी विकसित किया जाना चाहिए। इसके अलावा निश्चित अंतराल पर डीपीसीसी और सीपीसीबी संयुक्त तौर पर तकनीकी पक्षों को लेकर बैठक भी करें। पीठ ने दिल्ली के पुलिस कमिश्नर को भी एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है।

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