योजना पर अमल हुआ तो मरीजों को बड़ी मिलेगी राहत, अब शाम को भी अस्पतालों में शुरू OPD….

 देश की राजधानी दिल्ली के बड़े अस्पतालों में शुमार केंद्र सरकार के सफदरजंग व आरएमएल अस्पताल में शाम की ओपीडी भी शुरू की जाएगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने केंद्र सरकार के 100 दिनों की कार्ययोजना में इसे शामिल किया है। दोनों अस्पतालों को तीन माह में इस योजना पर अमल करने और शाम में भी ओपीडी व विशेष क्लीनिक चलाने के निर्देश दिए गए हैं। दोनों अस्पतालों में तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं। योजना पर अमल हुआ तो मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी। सफदरजंग अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन करीब 10 हजार मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं।

वहीं, आरएमएल अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन करीब 8,500 मरीज पहुंचते हैं। मौजूदा समय में सुबह नौ बजे से ओपीडी शुरू होती है और दोपहर दो से तीन बजे तक मरीजों का चेकअप होता है। इस तरह प्रतिदिन पांच से छह घंटे की ओपीडी होती है। सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि ओपीडी कार्ड के लिए पंजीकरण सुबह 11 बजे तक ही होता है। इसके बाद अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों का इलाज नहीं हो पाता है, इसलिए सुबह में एक साथ हजारों मरीज अस्पताल पहुंच जाते हैं, इसलिए दो पालियों में 12 घंटे की ओपीडी शुरू करने की तैयारी है।

डॉक्टरों के अनुसार, शुरुआती दौर में मेडिसिन, पीडियाट्रिक, गायनी व जनरल सर्जरी की शाम की ओपीडी शुरू हो सकती है। बाद में दूसरे विभागों में भी इस पर अमल होगा। हालांकि, पहले भी ऐसी योजना सरकारी अस्पतालों में लागू करने की पहल हुई पर कर्मियों की कमी व डॉक्टरों का विरोध आड़े आ गई। बता दें कि एम्स के कैंसर सेंटर में दो पालियों में ओपीडी चलती है।

स्वागतयोग्य पहल

दिल्ली में केंद्र सरकार के दो बड़े अस्पतालों सफदरजंग और राममनोहर लोहिया में शाम की ओपीडी शुरू करने की योजना स्वागतयोग्य पहल है। इसे राजधानी की स्वास्थ्य सेवाओं को और भी बेहतर किए जाने की दिशा में उठाया गया कदम ही कहा जाएगा। चूंकि केंद्र सरकार ने इस योजना को अपने एक सौ दिन की कार्ययोजना में शामिल कर दोनों अस्पतालों में इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है, लिहाजा, इसे हवाहवाई भी नहीं कहा जा सकता। इससे इन दोनों अस्पतालों की ओपीडी में भीड़ भी नियंत्रित होगी। जो मरीज सुबह की ओपीडी में नहीं पहुंच पाएंगे, वह शाम को अपना इलाज करा सकेंगे। डॉक्टरों को भी अत्यधिक दबाव से कुछ राहत मिलेगी।

इसमें संदेह नहीं कि देश की राजधानी होने के कारण यहां के अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हैं। केंद्र सरकार के अस्पतालों में तो यह बात सौ फीसद तक सही कही जा सकती है। यहां जांच एवं उपचार की भी सुविधाएं मिल जाती हैं। यही वजह है कि इन अस्पतालों में दिल्ली- एनसीआर सहित देश के अन्य हिस्सों से भी बड़ी संख्या में मरीज आते हैं। अकेले सफदरजंग अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन दस हजार और राममनोहर लोहिया अस्पताल में प्रतिदिन साढ़े आठ हजार मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। ऐसे में शाम की ओपीडी से और अधिक मरीजों तक इन स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल पाएगा। जरूरी तो यह है कि स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ ज्यादा से ज्यादा मरीजों तक पहुंच सके। एक भी मरीज बिना उपचार के नहीं रहना चाहिए। स्वस्थ समाज ही स्वस्थ और उन्नत राष्ट्र का परिचायक होता है।

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