
4010 दरोगाओं की भर्ती प्रक्रिया में शामिल 3469 अभ्यर्थियों के लिए राहत भरी खबर है। हाईकोर्ट ने दरोगाओं की नियुक्ति प्रक्रिया पर लगाई हुई रोक को हटा दिया है, और चयनित अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण पर भेजने के निर्देश दे दिए है। हाईकोर्ट के इस फैसले से अभियर्थिायों को काफी राहत पहुंची है।
कोर्ट ने कुल चयनित 3784 में 315 अभ्यर्थियों को छोड़कर बाकी सभी को प्रशिक्षण के लिए भेजने के निर्देश दे दिए है। बचे हुए 315 ऐसे अभ्यर्थी हैं,जिनको गलत तरीके से क्षैतिज आरक्षण देने का आरोप है। यह आदेश न्यायाधीश बी अमित स्थालेकर ने दिए।
याचीगण की ओर से अधिवक्ता सीमांत सिंह और 315 अभ्यर्थियों की ओर से अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी, विभू राय ने कोर्ट मे पक्ष रखा। याचिका में कहा गया है कि भर्ती प्रक्रिया में महिलाओं, पूर्व सैनिकों और स्वतंत्रा संग्राम सेनानी आश्रितों को मिलने वाला क्षैतिज आरक्षण गलत तरीके से लागू किया गया। इनको सामान्य की अनारक्षित सीटों पर नियुक्ति दे दी गई जिससे सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को नुकसान हुआ है।
नियम के अनुसार इनको आरक्षित वर्ग के भीतर ही आरक्षण मिलना चाहिए। प्रदेश सरकार के अधिवक्ता ने इस बात पर सहमति जताई कि क्षैतिज आरक्षण का लाभ पाने वाले अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित कोटे में सीटें रिजर्व की जाएंगी।
बाकी 315 अभ्यर्थियों की ओर से अपने कोटे की सीटें रिजर्व रखने की मांग की गई। जिसे प्रदेश सरकार ने भी सहमति प्रदान कर दी है। फैसले के बाद कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है कि वह इन 315 अभ्यर्थियों को किस प्रकार से आरक्षित कोटे में समायोजित करेंगे। इस याचिका पर तीन हफ्ते बाद फिर से सुनवाई होगी।