यहां 3 KM दूर मिलता है पीने का पानी,और शराब घर के दरवाजे पर

New Delhi : आंध्र प्रदेश के एक गांव के लोगों को पानी के लिए लगभग 3 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है लेकिन इस गांव में शराब घर के दरवाजे पर मिल सकती है। राज्य के मछलीपट्टनम के पास स्थित गांव कप्पलदोड्डी का कुछ ऐसा ही हाल है।

यहां 3 KM दूर मिलता है पीने का पानी,और शराब घर के दरवाजे पर

इस गांव की आबादी महज 3200 लोगों की है लेकिन यहां पर गैरकानूनी शराब की लगभग 11 दुकाने मौजूद हैं। एक्साइज विभाग के नियमों के तहत 5000 लोगों की आबादी वाले इलाके में एक लिकर शॉप खोलने का प्रावधान है लेकिन यहां पर 11 गैरलाइसेंसी दुकाने हैं। इस गांव में पानी की कमी है।

गांव में लगभग 890 कुएं या पानी के स्त्रोत हैं लेकिन पानी यहां पर मिलना काफी मुश्किल है। द हिंदू की खबर के मुताबिक यहां के लोगों का दावा है कि यहां पर लोगों को शराब उनके घर के दरवाजे पर मिल सकती है लेकिन पानी की तलाश मेंकाफी दूर जाना पड़ता है। गांव की ज्यादातर गलियों में शराब की दुकाने नजर आ जाएंगी।

वहीं यहां पर 20 लीटर की पीने के पानी की बोतल 15 रुपये की है जिसे यहां के लोग अमूमन अफॉर्ड नहीं कर पाते और फिर पानी की तलाश में दुरदराज इलाकों में जाते हैं। वहीं खबर के मुताबिक लोगों का दावा है कि ग्राम पंचायत रामाराजू नहर से हफ्ते में दो या तीन बार पानी छोड़ती है लेकिन वह पानी पीने लायक नहीं होता।
दरअसल इस गांव में पानी की स्थिति बदहाल है। इलाके में ग्राउंड वॉटर की स्थिति की बात करें तो वह भी पीने लायक नहीं है क्योंकि उसमें सॉल्ट और फ्लोराइड की काफी मात्रा है। आधिकारिक रिपोर्टों के मुताबिक पानी में फ्लोराइड की मात्रा 2 mg प्रति-लीटर की है जो 0.6 mg प्रति-लीटर की सेफ लीमिट के मुकाबले काफी ज्यादा है।
वहीं पानी की खराब स्थिति के चलते पड़ोस के गांव अकुलामन्नाडु के कारोबारियों ने फायदा लेने के लिए बोरवेल खुदवा लिए हैं और पानी बेचकर वह काफी मुनाफा मला रहे हैं। राज्य के कप्पलदोड्डी गांव के ज्यादातर लोग बुनकरी के कारोबार में हैं। 2013 में यह गांव बुनकरों के आत्महत्या करने के चलते सुर्खियों में आया था। वहीं 4 साल बाद यह गांव इलाके में बनी सूखे की स्थिति के चलते दोबारा सुर्खियों में है।
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