मोस्ट वांटेड अपराधियों को भी नहीं पहचान पाती राजस्थान पुलिस
राजस्थान में पुलिस अफसरों द्वारा अपने ही महकमे के स्टिंग ऑपरेशन से रोचक मामले सामने आ रहे हैं। सीकर जिले के पुलिस अधीक्षक डॉ. अमनदीप सिंह कपूर ने स्टिंग ऑपरेशन कराया तो सामने आया कि पुलिस वाले मोस्ट वांटेड अपराधियों को भी नहीं पहचानते।
पुलिस महानिदेशक कपिल गर्ग ने पदभार संभालने के बाद पुलिस की कार्यशैली में सुधार के लिए अपने ही महकमे में स्टिंग ऑपरेशन कराने का सिलसिला शुरू किया है। इसके तहत अब तक वे पुलिस द्वारा रिपोर्ट दर्ज नहीं करने और यातायात पुलिस द्वारा रिश्वत लेकर वाहन छोड़ने के मामले सामने ला चुके हैं। इसके साथ ही उन्होंने हर जिले के पुलिस अधिकारियों को निर्देश दे रखे हैं कि वे अपने जिले में महीने में कम से कम एक स्टिंग ऑपरेशन जरूर करें ताकि पुलिस की कार्यशैली में सुधार आ सके। इसी के तहत सीकर के पुलिस अधीक्षक अमनदीप सिंह कपूर ने कुछ सामान्य लोगों को मोस्ट वांटेड बदमाशों का फोटो लेकर पांच थानों में भेजा।
इन लोगों से कहा गया कि वे थानों में जाएं और फोटो दिखाकर कहें कि इन्हें नौकर रखना है, इसलिए इनका सत्यापन कर दीजिए। स्थिति यह सामने आई कि एक भी थाने में इन बदमाशों का फोटो नहीं पहचाना गया। सभी ने कहा कि इन्हें नौकर रख लो। जिन अपराधियों के फोटो थे, उनमें से दो पर तो दस-दस हजार का इनाम भी था। फोटो लेकर गए लोगों ने कई कांस्टेबलों को मोस्ट वांटेड के फोटो दिखाए। नाम भी बताए गए। किसी ने भी शक नहीं जताया। थानों में कहा गया कि हम दस्तावेज जांचकर कॉल कर देंगे, लेकिन एक सप्ताह के बाद भी किसी थाने से फोन नहीं आया, जबकि नियमानुसार पुलिस वेरिफिकेशन तत्काल या अधिकतम तीन दिन के भीतर होना चाहिए। इस मामले में पुलिस अधीक्षक ने अब संबंधित पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है।