मध्यप्रदेश प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड, जो व्यापम के नाम से जाना जाता था, ने अपने नए नियम से पटवारी बनने की हसरत पाले बैठे हजारों अभ्यर्थियों के सपने को चकनाचूर कर दिया। मध्यप्रदेश में पटवारी की नौकरी के लिए पहली बार करीब सवा दो हजार पदों का विज्ञापन जारी हुआ। लेकिन उम्मीदवारों के मोबाइल नंबर उनके आधार कार्ड से नहीं जुड़े होने के कारण पटवारी की परीक्षा के लिए आवेदन स्वीकार नहीं किए जा रहे हैं।
पटवारी के लिए ऑनलाइन आवेदन जमा करने की आखिरी तारीख शुक्रवार को थी। इस दौरान मोबाइल नंबर और आधार कार्ड जुड़ने की परेशानी के चलते प्रदेश के हजारों उम्मीदवार परीक्षा के लिए आवेदन जमा करने से महरूम हो गए। उम्मीदवारों का कहना है कि ऐसे कई आवेदक हैं जिनका आधार कार्ड में दर्ज मोबाइल नंबर बदल चुका है या फिर उन्होंने हाल ही में ई-केवाईसी करवा कर उसे लिंक नहीं करवाया है।
इस समस्या का स्वरूप काफी बड़ा है। उम्मीदवारों के मुताबिक आवेन करते समय फॉर्म में दर्ज मोबाइल नंबर पर मध्यप्रदेश प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड एक वन पासवर्ड (ओटीपी) भेजता है। गांवों में रहने वाले ऐसे कई गरीब और महिला उम्मीदवार हैं जिनके पास अपना मोबाइल नहीं है। वे अपने परिवार के दूसरे सदस्यों के मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में वे तमाम लोग आवेदन जमा नहीं कर पाए। इसलिए आवेदकों की मांग है कि उन्हें ये छूट मिलनी चाहिए कि वे अपने पास उपलब्ध मोबाइल नंबर फॉर्म में दर्ज लिख सकें।
आवेदन जमा करने की तारीख बढ़ाने की मांग
मोबाइल नंबर को आधार कार्ड से जोड़ने के इस नियम के बाद आधार पंजीयन सेंटरों और मोबाइल सर्विस प्रोवाइडरों के यहां अभ्यर्थियों की भीड़ लग गई है। इसके बावजूद काम नहीं हो पा रहा है। इस परेशानी की वजह से कई उम्मीदवारों का सपना टूटने की कगार पर है और इसलिए वे बोर्ड से नियम में राहत देने और आवेदन जमा करने की तारीख बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।
वहीं मध्यप्रदेश प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड के परीक्षा नियंत्रक एसके भदौरिया के मुताबिक परीक्षा में गड़बड़ी रोकने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य किया गया है। उनका कहना है कि जिन लोगों ने आधार से अपना मोबाइल लिंक नहीं किया है, उन्हें फॉर्म भरने में परेशानी आ रही है। बोर्ड के स्तर से कोई तकनीकी समस्या नहीं है। हालांकि परीक्षा बढ़ाने की तारीख पर उन्होंने कुछ नहीं कहा।