भारत-पाकिस्तान युद्ध के हीरो रहे ब्रिगेडियर का हुआ निधन, CM कैप्टन सहित कई राजनेताओं जताया शोक
भारत-पाकिस्तान की लड़ाई के हीरो रहे ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह चांदपुरी का निधन हो गया है। लोंगेवाला की लड़ाई के हीरो महावीर चक्र विजेता ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह चांदपुरी ने शनिवार सुबह नौ बजे अंतिम सांस ली। उनका माेहाली के फोर्टिस हॉस्पिटल देहांत हुआ। वह ब्लड कैंसर से पीडि़त थे। उनकेे जीवन पर मशहूर बॉलीवुड फिल्म बॉर्डर बनी थी। 78 साल के ब्रिगेडियर चांदपुरी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह सहित कई राजनेताओं व पूर्व सैन्य अधिकारियों ने ब्रिगेडियर चांदपुरी के निधन पर शोक जताया है।
ब्रिगेडियर चांदपुरी ब्लड कैंसर से पीडित थे। सीमा पर पाकिस्तानी सेना के छक्के छुड़ाने वाला यह सूरमा अाज सुबह कैंसर से हार गया। उनके पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार सोमवार को होगा। उनके ब्लड कैंसर से ग्रसित होने का पता इसी साल 22 अगस्त को चला था।
ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह चांदपुरी 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान लोंगावाला सेक्टर में प्रसिद्ध लड़ाई में भारतीय दल की टुकड़ी का वीरता के साथ नेतृत्व किया। इसके लिए उन्हें महावीर चक्र से सम्मानित किया गया। बाॅलीवुड की फिल्म ‘बाॅर्डर’ लोंगेवाला के युद्ध पर आधारित है। इसमें ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह का किरदार सन्नी देओल ने निभाया था। 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध में लोंगेेवाला चेकपोस्ट पर ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह चांदपुरी ने अपने 90 सैनिकों के साथ पाकिस्तान के 2000 सैनिकों का मुकाबला किया और उन्हें ढ़ेर कर दिया।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ब्रिगेडियर चांदपुरी के निधन पर गहरा शोक जताया है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि ब्रिगेडियर चांदपुरी रियल हीरो थे आैर पंजाब की वीर सपूत थे। पंजाब को अपने इस हीरो पर हमेशा नाज रहेगा। अन्य दलों के नेताओं ने भी ब्रिगेडियर चांदपुरी के निधन पर शोक जताया और उनको भावभीनी श्रद्धांजलि दी है। पूर्व सैन्य अफसरों ने भी ब्रिगेडियर चांदपुरी के निधन पर शोक जताया है।
उन्होंने 1962 में होशियारपुर गवर्नमेंट कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की थी। एनसीसी की परीक्षा भी उत्तीर्ण की थी। कुलदीप सिंह भारतीय सेना में सेवा देने वाले अपने परिवार के तीसरे सदस्य थे। उनके दोनों चाचा भारतीय वायुसेना में ऑफिसर थे। कुलदीप सिंह चांदपुरी का पैतृक गांव चांदपुर रुड़की है। यह बलाचौर इलाके में है।
कुलदीप सिंह का जन्म गुर्जर परिवार में अविभाजित भारत के पंजाब क्षेत्र में मांटगोमेरी में 22 नवंबर 1940 को हुआ था। उसके बाद उनका परिवार तो उनके पैतृक गांव चांदपुर रुड़की चला आया जो बलचौर में है। वह एनसीसी के सक्रिय सदस्य थे और जब उन्होने 1962 में होशियारपुर गवर्नमेंट कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। कुलदीप सिंह अपने माता-पिता की अकेली संतान थे।
कुलदीप सिंह सन् 1962 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। उन्होंने चेन्नई के ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी से कमीशन प्राप्त किया और पंजाब रेजीमेंट की 23वीं बटालियन में शामिल हुए। उन्होंने 1965 और फिर 1971 के युद्ध में भाग लिया। युद्ध में उन्होंने अपनी वीरता की अमिट छाप छोड़ी। उन्होंने एक साल के लिए संयुक्त राष्ट्र के आपातकालीन बल को अपनी सेवाएं भी दीं और गाजा (मिस्र) में कार्यरत रहे। दो बार वह मध्यप्रदेश के महू के प्रतिष्ठित इन्फैंट्री स्कूल में इन्स्ट्रक्टर भी रहे।