#बड़ा खुलासा: निरंकारी भवन पर हमले से पहले आतंकियों ने किया था ये काम

सरेआम इस तरह किए गए ग्रेनेड हमले ने पंजाब पुलिस के खाते में एक और नाकामी लिख दी है। क्योंकि आतंकी हथियार लेकर आए और अपना काम करके भाग निकले। हाईअलर्ट था, चप्पे-चप्पे पर चेकिंग चल रही थी। क्या कर रही थी पुलिस। लोगों के लिए तो अलर्ट जारी कर दिया, पर खुद रही नहीं। नतीजा ये निकला कि इस घटना ने प्रदेश में आतंकवाद के दोबारा लौटने की आशंका को और बल दे दिया है।#बड़ा खुलासा: निरंकारी भवन पर हमले से पहले आतंकियों ने किया था ये काम

हालांकि, इस हमले में किसी कट्टरपंथी सिख संगठन की कम और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की भूमिका ज्यादा लग रही है। निरंकारी भवन पर हुए हमले को लेकर इंटेलिजेंस विंग की प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आ रही है कि हमलावरों ने काफी समय तक इस इलाके की रेकी की और हमला उस समय किया गया जब भवन में काफी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। हालांकि अभी तक किसी भी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन इंटेलिजेंस विंग का मानना है कि निरंकारी भवन पर हमले से आम लोगों में दहशत पैदा करने की कोशिश की गई है। इससे हमलावरों ने खुफिया एजेंसियों का ध्यान भटकाने की भी कोशिश की है।

रेकी की भी भनक नहीं लगी पुलिस को

आरंभिक जांच में यह पाया गया है कि हमला पूरी प्लानिंग के साथ किया गया है, जिसके लिए कई महीने तक निरंकारी भवन और आसपास के इलाके की रेकी की गई है। ऐसे में यह सवाल भी खड़ा हो गया है कि हमलावर कई महीने से इलाके में आते जाते रहे और पुलिस व खुफिया तंत्र को इसकी भनक तक नहीं लगी। अब हमलावरों की तलाश में इंटेलिजेंस इलाके में बीते 6 हफ्ते का मोबाइल डाटा खंगाल रही है।

कश्मीरी छात्रों से मिला हैंड ग्रेनेड तो नहीं?
बीते दिनों जालंधर के एक इंस्टीट्यूट के हॉस्टल से पकड़े गए कश्मीरी छात्रों के कब्जे से पुलिस को कई हथियार मिले थे। तब यह बात भी सामने आई थी कि इन छात्रों का संबंध कश्मीरी आतंकवादी संगठन से है। पकड़े गए छात्रों ने यह खुलासा किया था कि उनके एक साथी के पास हैंड ग्रेनेड है, लेकिन पुलिस आज तक न तो उस व्यक्ति को ढूंढ सकी और न ही हैंड ग्रेनेड मिला। रविवार के हमले के बाद यह आशंका भी जताई जा रही है कि सत्संग भवन पर उसी हैंड ग्रेनेड से हमला तो नहीं हुआ?

कहीं यह आईएसआई की हरकत तो नहीं?
निरंकारी भवन पर हमले के बहाने कोई बाहरी आतंकी संगठन पंजाब में फिर से हिंदू सिख एकता में फूट डालने की कोशिश तो नहीं कर रहा है। इसका एक कारण यह भी हो सकता है कि पंजाब के कट्टरवादी सिख संगठनों के बीच लंबे समय से मतभेद चल रहे हैं और उन्हें स्थानीय सिख समुदाय का समर्थन भी नहीं मिल रहा है। आतंकवाद के पिछले दौर में आईएसआई आई द्वारा आतंकियों को दी गई मदद भी किसी से छिपी नहीं है।

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