बीमारियों का घर है आपका की-बोर्ड, कंप्यूटर, जानिए कैसे…

स्वस्थ रहने के लिए स्वच्छता का ध्यान रखना जरूरी है। यह हम भी जानते हैं, लेकिन गंभीरता से गौर नहीं करते। नतीजा बीमारी। जरूरी नहीं कि कीटाणु गंदी जगह पर ही होते हैं। यह आपके कार्यस्थल और इलेक्ट्रोनिक डिवाइस में सबसे ज्यादा होते हैं। अगर लापरवाही बरतेंगे, तो बीमार होते रहेंगे। रोजमर्रा में इस्तेमाल में होने वाली चीजों में इलैक्ट्रोनिक डिवाइस, कंप्यूटर, मोबाइल, लैपटॉप हमारी दिनचर्या का अहम हिस्सा हैं। ऊपर से साफ दिखने वाले इन उपकरणों में नुकसानदेह बैक्टीरिया छिपे होते हैं।  विशेषज्ञों के मुताबिक, इलैक्ट्रोनिक डिवाइस की साफ-सफाई की आेर ध्यान न देने के कारण इसमें बैक्टीरिया पनपते रहते हैं। जब भी हम इन उपकरणों का इस्तेमाल करते हैं, तो इनमें छिपे बैक्टीरिया हमारे हाथों से होते हुए भोजन और शरीर में प्रवेश कर हमें बीमार बनाते हैं। बीमारियों का घर है आपका की-बोर्ड, कंप्यूटर, जानिए कैसे...

कई शोध कहते हैं कि हमारे कंप्यूटर की-बोर्ड में टॉयलेट सीट से ज्यादा कीटाणु छिपे होते हैं। हालांकि मशीनों को साफ करने को हम नजरअंदाज ही करते हैं, इसलिए यहां कीटाणु आराम से पनपते रहते हैं। अगर इसको साफ करने की ओर ध्यान नहीं देंगे, तो बीमार होते रहेंगे। की-बोर्ड को साफ करने के लिए विनेगर और कपड़ा उपयोग करें। सेंसेटिव जगह को कॉटन का प्रयोग करके साफ कर सकते हैं। गीले कपड़े का इस्तेमाल बिल्कुल न करें, इससे मशीन में खराबी आ सकती है। 
 

यूके में हुई एक रिसर्च से पता चला है कि मोबाइल फोन में टॉयलेट के फ्लश हैंडल से 18 गुना ज्यादा हानिकारक बैक्टीरिया होते हैं। इनकी वजह से फोन धारकों को पेट संबंधी बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। रिपोर्ट में पाया कि ब्रिटेन में इस्तेमाल किए जा रहे 6.3 करोड़ मोबाइल फोन में से 1.47 करोड़ मोबाइल फोन में संक्रमण फैलाने वाले कीटाणु थे और मोबाइल फोन यूजर्स में स्वास्थ संबंधी परेशानी भी पाई गईं। रिसर्च टीम में शामिल केरी स्टेनवे ने बताया कि मोबाइल फोन को इधर- उधर रखने से उस पर बैक्टीरिया लगते जाते हैं। वहीं बैक्टीरिया हमारे हाथ में आ जाते हैं। 
               
पायदान पर दीजिए ध्यान 
हमारा शरीर दिनभर में लाखों मृत कोशिकाओं को झाड़ता है। यह कोशिकाएं चादर, दरी, सोफा, कारपेट में फंस जाती है, ज्यादातर चीजों को तो हम साफ कर लेते हैं, लेकिन इन्हें साफ नहीं करते। इनमें ई कोली, सेलमोनिया जैसे हानिकारक बैक्टीरिया होते हैं। बाहर से भीतर आने पर हम जूते लेकर पायदान पर चढ़ते रहते हैं, जिससे बाहर से आए कीटाणु इसमें चिपक जाते हैं। आपके कमरे, किचन, बाथरूम के दरवाजों के हैंडल व नल के हत्थों में भी सामान्य से ज्यादा बैक्टीरिया पाए जाते हैं। पर्स, बैग को हम अलग-अलग जगह ऑफिस बारूथम, सार्वजनिक वाहन में लेकर घूमते हैं। इन स्थानों से हानिकारक बैक्टीरिया चिपक जाते हैं, जो त्वचा संक्रमण  पेट, आंत, किडनी संबंधी बीमारियों का कारण होते हैं। यह कीटाणु आंत्रशोध, हैजा, टीबी आदि बीमारियों को भी फैलाते हैं।
 
इलेक्ट्रोनिक डिवाइस, जैसे मोबाइल,टीवी रिमोट, कंम्प्यूटर की-बोर्ड ऐसी वस्तु हैं, जिनको धोया नहीं जा सकता। इन डिवाइस को हम साफ करने की आेर ध्यान नहीं देते। इनमें छिपे कीटाणु हमारे हाथों के माध्यम से शरीर में जाकर बीमारियों को जन्म देते हैं। दरवाजे का हैंडल, पायदान, पानी की बोतल, चाबियां आदि ऐसे चीजें हैं, जो हमें बीमार बनाने में काफी हद तक जिम्मेदार होती हैं। इनसे संक्रमण, पेंट संबंधी बीमारी, आंखों का इन्फेक्शन हो सकता है।   
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