बढ़ती उम्र में इस तरह रखें हड्डियों का ख्याल
बुजुर्गों की सेहत को लेकर हिब्रू सीनियरलाइफ इंस्टीट्यूट में किए गए एक शोध में पाया गया कि बुजुर्गों का वजन कम है तो, यह स्वास्थ्य के लिए अच्छा लक्षण नहीं है। डॉक्टरों का कहना है कि वजन में कमी से बुजुर्गों की हड्डियों की सघनता, बनावट और मजबूती में कमी हो सकती है।
वहीं न्यूयार्क में किए गए एक और शोध में ऐसे तंत्र की पहचान की गई है, जो बताता है कि बुजुर्गों की हड्डियों में कमजोरी क्यों आ जाती है। शोधकर्ताओं ने पाया कि ऑस्टियोपोरोसिस यानी हड्डी के पतलेपन और घनत्व में कमी के कारण हड्डी टूटने का खतरा बढ़ जाता है।
यह बुजुर्गों की एक प्रमुख स्वास्थ्य समस्या है। अक्सर ये हालात अस्थि मज्जा में वसा कोशिकाओं की वृद्धि के साथ पैदा होते हैं। बर्मिंघम के अलबामा विश्वविद्यालय के प्रोफेसर यू-पिंग ली के नेतृत्व में हुए एक अध्ययन में सामने आया है कि सीबीएफ-बीटा नामक एक प्रोटीन हड्डियों के बनने में मददगार कोशिकाओं को शरीर में बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।