बड़ी लापरवाही, अस्पताल से भगाया, घर में हुआ प्रसव, जच्चा-बच्चा की मौत

उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में स्वास्थ्य विभाग कर्मचारियों की लापरवाही से एक बार फिर जच्चा-बच्चा की मौत हो गई। प्रसूता को प्रसव में समय लगने की बात कहकर अस्पताल से भगा दिया गया। अस्पताल से घर पहुंची प्रसूता ने कुछ ही घंटे बाद बच्ची को जन्म दिया।
इसके तुरंत बाद बच्ची की मौत हो गई। वहीं महिला की भी हालत बिगड़ गई। अस्पताल ले जाते समय महिला ने भी दम तोड़ दिया। सुल्तानगंज विकास खंड के गांव नाका निवासी जितेंद्र सिंह की 26 वर्षीय पत्नी धानवती को शनिवार की सुबह प्रसव पीड़ा हुई।बड़ी लापरवाही, अस्पताल से भगाया, घर में हुआ प्रसव, जच्चा-बच्चा की मौत

परिजन दोपहर करीब 12 बजे उसे लेकर सीएचसी सुल्तानगंज पहुंचे। आरोप है कि भर्ती करने की वजाय यहां डॉक्टर और एएनएम ने उसे 24 घंटे बाद आने की बात कहते हुए भगा दिया। परिजन धानवती को घर ले आए।

शनिवार की रात करीब 10 बजे धानवती की हालत बिगड़ गई और घर में ही उसका प्रसव हो गया। जन्म लेते ही नवजात बच्ची की मौत हो गई। प्रसव के बाद धानवती की हालत भी बिगड़ गई। पति जितेंद्र ने बताया कि एंबुलेंस को फोन किया गया, लेकिन एंबुलेंस नहीं आई।

ऑक्सीजन मिलती तो बच सकती थी जान
परिजन उसे गंभीर हालत में जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां डॉक्टरों ने धानवती को मृत घोषित कर दिया। पति जितेंद्र का कहना है कि सीएचसी के डॉक्टर और एएनएम ने यदि उसकी पत्नी को भर्ती कर लिया होता तो जच्चा और बच्चा की मौत नहीं होती। उन्होंने यह कहते हुए भगा दिया कि 24 घंटे बाद आना।

पति जितेंद्र का कहना था कि उसकी पत्नी धानवती की बच्ची को जन्म देने के बाद हालत बिगड़ी तो उसने कई बार 102 एंबुलेंस का फोन लगाया। जब वह पत्नी को जिला अस्पताल ले जा रहा था, तब खाली एंबुलेंस उसे रास्ते में मिली।

उसने एंबुलेंस को रोका भी, जिससे कि उसकी पत्नी को ऑक्सीजन की सुविधा मिल जाए। एंबुलेंस चालक ने यह कहते हुए कि वह दूसरे मरीज को लेने जा रहा है। एंबुलेंस में उसकी पत्नी को नहीं बैठाया।

जच्चा-बच्चा की मौत के लिए कौन है जिम्मेदार
स्वास्थ्य विभाग के निर्देशानुसार महिला के गर्भधारण करते ही उसकी देखभाल करने की व्यवस्था है। क्षेत्रीय आंगनबाड़ी, आशा और एएनएम उसके टीकाकरण के साथ ही उसके स्वास्थ्य की देखभाल करती हैं। आंगनबाड़ी बजन करते हुए पुष्टाहार भी उपलब्ध कराती हैं।

धानवती ने जब बच्चे को जन्म दिया तो एएनएम और आशा मौके पर नहीं पहुंची। इसके अतिरिक्त धानवती को आखिर डॉक्टर ने किस जांच के बाद 24 घंटे बाद आने को कहा। वहीं, शासन की 102 एंबुलेंस भी प्रसव के लिए ही रखी गई है। फिर भी क्यों नहीं पहुंची। ये सब जांच का विषय है।

मामले की जानकारी नहीं है। यदि प्रसूता को अस्पताल से लौटाया गया है तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. जय प्रकाश, प्रभारी चिकित्साधिकारी सुल्तानगंज

पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। यदि विभाग की लापरवाही पाई जाती है तो संबंधितों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई होगी। इस संबंध में प्रभारी चिकित्साधिकारी से जवाब मांगा गया है।
डॉ. एके पांडेय, सीएमओ

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