प्यार से नहीं शोहदा कहलाने से डर लगता है ‘ योगी साहब’

हम लोग कितनी ही बड़ी-बड़ी बातें क्यों न कर लें लेकिन कोई भी प्रेमी युगल हमें फूटी आंख नहीं सुहाता। अब यूपी की हालत ही देख लीजिए, जबसे योगी जी ने मुख्यमंत्री की गद्दी संभाली है वहां पुलिसवालों ने मनचले युवकों के खिलाफ मुहिम छेड़ दी है। सरकार ने पुलिस के इस दल का नाम रखा है – ऐंटी रोमियो स्क्वाड। हालांकि ये मुहिम मनचलों के खिलाफ है लेकिन सचा प्यार करने वाले भी इसमें घुन की तरह पिस रहे हैं। ऐंटी रोमियों बड़ी ही मुस्तैदी से ऐसी युगल जोड़ियों को ढूंढ़ने में लगा है जो बाज़ारों और पार्कों में पेड़ का एक कोना पकड़े साथ जीने मरने की कसमें खा रहे हैं।

प्यार से नहीं शोहदा कहलाने से डर लगता है ' योगी साहब'

इन विरोधियों को जरा भी इल्म है कि कितनी मुश्किल से ये नवयवुक अपने घर से बहाने बनाकर निकलते होंगे अपने प्यार की एक झलक पाने के लिए, लेकिन ये एंटी रोमियो, इनके प्यार में कांटे चुभोने का काम कर रहा है। वैसे तो एक कहावत भी है। ये इश्क नहीं आसां।।।आग का दरिया है।।।।और डूब कर जाना है। मतलब इस दरिया में डूबने की बात तो तय थी लेकिन ये पुलिसवाले इसमें डुबोकर निकालते हैं फिर दुनिया जहां के सामने उठक- बैठक भी करवाते हैं। ये तो गलत बात है न।

अभी कल की ही बात लीजिए मेरे घर के सामने वाले पार्क में एक प्रेमी युगल एक दूसरे के कांधे पर सर रखकर बतिया रहा था। बीच में एक बूढ़े अंकल पहुंच गए विलेन बनकर। कहने लगे ‘इस सोसाइटी में शरीफ लोग रहते हैं, ये पार्क है, लवर्स प्वाइंट नहीं है, चलें आते हैं इश्क फरमाने, जाओ यहां से’। बेचारे प्रेमी मन मनोस कर चले गए वहां से। मतलब कहीं भी चैन नहीं है। प्यार करने वालों के लिए कहीं भी जगह नहीं। जाएं तो जाएं कहां। कहीं कोई सुनसान जगह जा नहीं सकते, कौन जाने किस तरह का हादसा हो जाए। पार्क जाओ तो पुलिसवाले पैसे ऐंठने के तैयार बैठे रहते हैं। रेस्टोरेंट जाओ तो बिल चुकाने के इतने पैसे नहीं होते। ।।।और वहां प्यार भरी बातें कोई क्या खाक करे। वेटर सामने एक डायरी पैन लेकर कभी आर्डर लेने के लिए आपको घूरता रहता है तो कभी घड़ी को। अभी तो प्यार मन में ही हिलौरे ले रहा होता कि बार-बार बीच में आकर टोकना शुरु कर देता है ‘….और भी लोग हैं जरा जगह जल्दी खाली कीजिए, या आर्डर देते रहिए’ बताइए ऐसी हालत में कोई क्या इश्क फरमाएगा। क्या चांद-तारे तोड़ लाने की बातें करेगा।

…और ये रोमियो के बारे में पता है ना आपको। अग्रेंजी के महान लेखक शेक्सपियर ने अपने नाटक के जरिए इस किरदार को जन्म दिया था। नाटक का नाम था रोमियो-जूलियट। दोनों मोहब्बत के ऐसे दीवाने कि आखिर में एक-दूसरे के लिए जान दे देते हैं और इस तरह इनकी प्रेम कहानी का हमेशा-हमेशा के लिए अंत हो जाता है। प्यार के लिए मर जाने वाले इस दीवाने को यूपी ने इसे सबसे बदनाम नाम बना दिया है। क्योंकि उसका नाम इश्क और मोहब्बत से निकाल कर अब शोहदों के साथ जोड़ दिया है।

अब ये एंटी रोमियो दल आया है एक जबरदस्ती गले पड़े बच्चे की तरह।।।। प्रेमियों का जीना दुश्वार कर दिया है। मतलब की, प्यार की भाषा तो इंग्लिश के महान लेखक शेक्सपियर भी समझ गए थे। लेकिन पता नहीं ये लोग क्यों नहीं समझ पाते। शेक्सपियर ने कहा था, ‘यदि तुम प्यार करते हो और तुम्हे कष्ट मिलता है तो और प्यार करो।’ और भी ऐसी कई बातें कही, जो कहीं जो आपको जिंदगी में उधड़ी, कच्ची सी मोहब्बत को सींचने का काम करेंगी। लेकिन ये जालिम जमाना है कि समझ ही नहीं पाता है।

महान दार्शनिक ओशो का भी कहना है कि ‘आदमी बना इसलिए है कि वह बहे और प्रेम बढ़े और परमात्मा तक पहुंच जाये।लेकिन हमने कौन सी बाधाएं खड़ी कर ली? पहली बात, आज तक मनुष्य की सारी संस्कृतियों ने सेक्स का, काम का, वासना का विरोध किया है। इस विरोध ने मनुष्य के भीतर प्रेम के जन्म की संभावना तोड़ दी, नष्ट कर दी। इस निषेध ने…।क्योंकि सचाई यह है कि प्रेम की सारी यात्रा का प्राथमिक बिन्दु काम है।’

खैर, योगी जी आप पर इन बातों का क्या असर होगा, आपने तो शादी की नहीं, न किसी के साथ जीने मरने की कसमें खाईं..न किसी का हाथ थामा…न किसी से आसमां से तारे तोड़ लाने की बातें कही। इसलिए आप प्यार के दर्द को क्या समझिएगा।

पहले तो सिर्फ साल में एक दिन वैलेंटाइन डे पर बजरंगदल और शिवसेना का टेंशन होता था लेकिन अब हर वक्त जवान दिलों की धड़कनों पर पहरा बैठा देना अच्छी बात नहीं है। उम्र की नजाकत है, ‘योगी जी’ आपको समझना ही होगा। वरना रोमियो- जूलियट, हीर- रांझा, शीरी फरहाद, लैला मजनू की लिस्ट में और भी कई नाम शुमार हो जाएंगे।

 
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