जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में पंजाब का लाल भी वीरगति को प्राप्त हुआ। गांव में शहादत की खबर पहुंच गई है, जिसके बाद लोग भड़के हुए हैं, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
शहीद जवान के परिजनों और गांव वालों का कहना है कि बस अबस बहुत हो गया। सरकार को दुश्मनों से बदला लेना चाहिए, मुंह तोड़ जवाब देना चाहिए, तब जाकर कलेजे को शांति मिलेगी। शहीद की पहचान तरनतारन के हरिकेपत्तन के गांव गंडीविंड का सुखजिंद्र सिंह पुत्र गुरमेल सिंह के रूप में हुई। बताया जा रहा है कि वह 15 पहले पहले ही छुट्टी खत्म करके ड्यूटी पर गए थे।
शहीद के पिता गुरमेल सिंह ने बताया कि सुखजिंद्र सीआरपीएफ की 76वीं बटालियन का जवान था। सुखजिंद्र दो साल पहले ही गांव शकरी निवासी सरबजीत कौर के साथ शादी के बंधन में बंधे थे और उनका 8 महीने का बच्चा गुरजोत सिंह भी है। शहीद का भाई जंटा सिंह पंजाबी सिंगर है। शहादत की खबर देर रात मिली। उसके बाद से परिवार में कोहराम मच गया। पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है।
शहीद की पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है। परिवार वाले बदहवासी की हालत में हैं। गांव वाले भी भड़के हुए हैं। वहीं सुखजिंदर सिंह की शहादत की खबर आते ही मां हरभजन कौर बेहोश हो गई। जब भी होश में आती हैं, तो सुखजिंद्र की फोटो हाथ में लेकर कहने लगती है कि उनका बेटा अब अमर हो गया। गुरजंट ने बताया कि सुखजिंदर सिंह का पार्थिव शरीर शुक्रवार को बाद दोपहर गांव गंडीविंड धत्तल पहुंचेगा।
जैश ने इसे आत्मघाती हमला बताया। यह अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला बताया जा रहा है। हमले का मास्टरमाइंड भी मसूद अजहर ही है। जिस तरह से पाकिस्तान के पीओके में बैठ कर उड़ी हमले की साजिश रची गई। इसी तरह से पुलवामा हमले की साजिश भी पाकिस्तान के पीओके में ही रची गई है। जिस तरह से आतंकियों ने उड़ी कैंपी की पूरी रेकी की थी। ठीक उसी तरह से आतंकियों ने पुलवामा पर हाइवे की रेकी की।