पटना में रावण दहन पर लगाए जा रहे सियासी कयास, बीजेपी व जेडीयू के संबंधों में खटास..

राजधानी पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान (Patna Gandhi Maidan) में मंगलवार को दशहरा (Dussehra) के अवसर पर आयोजित रावण दहन कार्यक्रम सियासी चर्चा (Political Gossip) का केंद्र बन गया है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री (Chief Minister) नीतीश कुमार (Nitish Kumar), बिहार विधानसभा के स्पीकर विजय कुमार चौधरी (Vijay Kumar Chaudhary) व प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष मदन मोहन झा (Madan Mohan Jha) शामिल हुए, लेकिन उद्घाटनकर्ता राज्यपाल (Governor) फागू चौहान (Fagu Chaugan) तथा खास मेहमान भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेता व उप मुख्यमंत्री (Deputy CM) सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) नहीं पहुंचे।

इतना ही नहीं, कार्यक्रम में बीजेपी की तरफ से किसी भी नेता या जनप्रतिनिधि ने शिरकत नहीं की। मंच पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बगल में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बैठे। जबकि, सामान्‍यत: उनके बगल में उपमुख्‍मंत्री सुशील मोदी बैठते रहे हैं। इसपर जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने प्रतिक्रिया दी है तो बीजेपी ने भी कार्यक्रम में नहीं आने पर सफाई दी है।

बीजेपी व जेडीयू के संबंधों में खटास के कयास

विदित हो कि हाल के दिनों में सत्‍ताधारी राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में शामिल बीजेपी व जेडीयू के संबंधों में खटास के कयास लगाए जाते रहे हैं। पटना में जलजमाव (Waterlogging) के मसले पर दोनों दलों के नेता एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्‍यारोप लगाने की होड़ में रहे हैं। ऐसे में कार्यक्रम से बीजेपी की शत-प्रतिशत अनुपस्थिति के राजनीतिक अर्थ तलाशे जा रहे हैं। यह पहला अवसर है जब राज्य सरकार में शामिल रहने के बावजूद बीजेपी का कोई नेता कार्यक्रम के मंच पर नहीं दिखा।

उद्घाटनकर्ता राज्‍यपाल की गैर-मौजूदगी भी खली

राज्यपाल का पद दलगत राजनीति से अलग माना जाता है, लेकिन उनकी गैर-मौजूदगी भी खल रही थी। राज्यपाल फागू चौहान को ही कार्यक्रम का उदघाटन करना था। इस बाबत दशहरा कमेटी के अध्यक्ष कमल नोपनी ने कहा कि हर साल की तरह इस बार भी राज्यपाल समेत सभी मंत्रियों, पटना के सांसदों और विधायकों को निमंत्रण भेजे गए थे। वे क्यों नहीं आए, इस संबंध में वे ही बता सकते हैं। कार्यक्रम का उद्घाटन व रावण दहन मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने किया।

अनुपस्थिति पर बीजेपी नेताओं ने दी ये सफाई

कार्यक्रम से इस अप्रत्‍याशित अनुपस्थिति पर बीजेपी नेताओं ने अपनी सफाई दी है। पटना के दीघा से बीजेपी विधायक संजीव चौरसिया ने कहा कि पटना जलजमाव से परेशान है। जल निकासी के कार्य में लगे रहने के कारण उन्‍हें कार्यक्रम में आने में विलंब हो गया। एनडीए को एकजुट बताते हुए बीजेपी नेता संजय टाइगर ने कहा कि नीतीश कुमार पहुंच गए तो पूरा एनडीए पहुंच गया।

जेडीयू नेता बाेले: बीजेपी के आचरण से लोग निराश

इस बाबत जेडीयू नेता व मंत्री अशोक चौधरी (Ashok Chaudhary) ने कहा कि बीजेपी नेताओं का नहीं आना बड़ा सवाल है। इसका कोई बड़ा कारण होगा। जेडीयू प्रवक्‍ता राजीव रंजन (Rajiv Ranjan) ने बताया कि उपमुख्‍यमंत्री सुशील मोदी पटना में नहीं थे और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) ने इस साल दशहरा नहीं मनाने की बात कही थी। उन्‍हें छोड़कर अन्‍य नेताओं को यह बताना चाहिए कि क्‍यों नहीं आए। उन्‍होंने अपने आचारण से लोगों को निराश किया। जेडीयू प्रवक्‍ता अजय आलोक ने ट्वीट कर बीजेपी से सवाल किया कि क्‍या रावण वध नहीं करना था?

जलजमाव के मुद्दे पर आमने-सामने दिखे दोनों दल

पटना में जलजमाव के मुद्दे पर दोनों दल आमने-सामने दिख रहे हैं। मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार इसे प्राकृतिक आपदा (Natural Calamity) बताते रहे हैं तो केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) ऐसा नहीं मानते। गिरिराज सिंह इसके लिए सीधे तौर पर मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार व उपमुख्‍यमंत्री सुशील मोदी को जिम्‍मेदार माना है। पूरे एनडीए की तरफ से जनता से माफी मांग उन्‍होंने जेडीयू की जिम्‍मेदारी भी तय कर दी है। बीजेपी कोटे के नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा (Suresh Sharma) कहते हैं कि अफसर तो बात ही नहीं सुनते थे।

बीजेपी के हमले पर जेडीयू ने भी जमकर पलटवार किए। गिरिराज सिंह के तीखे बयानों से आहत जेडीयू की तरफ से पार्टी महासचिव केसी त्‍यागी (KC Tyagi) ने ऐसे बड़बोले नेताओं पर लगाम लगाने की मांग सीधे प्रधानमंत्री (Prime Minister) नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) व बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह (Amit Shah) से की।

जलजमाव के पहले से चल रहे बयानों के तीर

दरअसल, दोनों दलों में बयानों के तीर जलजमाव के पहले से चल रहे हैं। कुछ दिनों पहले प्रदेश बीजेपी अध्‍यक्ष संजय पासवान (Sanjay Paswan) ने कहा था कि नीतीश कुमार को मुख्‍यमंत्री का पद छोड़ केंद्र में अहम जिम्‍मेदारी निभानी चाहिए। उनके बयान पर जेडीयू ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी। गिरिराज सिंह तो प्रदेश सरकार व नीतीश कुमार पर पहले से ही हमलावर रहे हैं।

खुद नीतीश कुमार ने भी दी थी चेतावनी

शीर्ष नेतृत्‍व के स्‍तर पर बात करें तो कुछ दिनों पहले जेडीयू राज्य परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए पार्टी सुप्रीमो नीतीश कुमार ने किसी का नाम लिए बगैर बीजेपी के बयानबाज नेताओं पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि बयानबाजी कर गठबंधन को कमजोर नहीं करना चाहिए। नीतीश कुमार ने एनडीए को एकजुट बताते हुए कहा था कि जो भी इस एकजुटता के खिलाफ काम करेगा वह आगामी विधानसभा चुनाव (Assembly Election) के बाद कहीं का नहीं रहेगा। नीतीश कुमार ने किसी का नाम नहीं लिया लेकिन माना गया कि उनके निशाने पर बीजेपी नेता व केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह तथा प्रदेश अध्यक्ष संजय पासवान थे।

मुसीबत व तनाव की घड़ी में भी जीने का हौसला

बहरहाल, पटना के गांधी मैदान में रावण दहन कार्यक्रम को देखने भारी भीड़ उमड़ी। जलजमाव से परेशान पटना में उमड़े इस जनसैलाब से ऐसा लगा कि मुसीबत व तनाव की घड़ी में भी पटना जीने का हौसला रखता है।

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