पक्षियों से सीखें, आध्यात्मिक चेतना और जागृत करने के नुस्खे

हम जिस जीव जगत में रहते हैं, वहां मनुष्य ही नहीं बल्कि अनेकानेक जीव जन्तु और पक्षी भी निवास करते हैं। मनुष्य पक्षियों से काफी कुछ सीख सकता है। यदि बात अध्यात्मिक ज्ञान की हो, तो पक्षियों से बेहतर आध्यात्मिक ज्ञान ओर कोई नहीं बयां कर सकता।

वैदिक पुराणों में वर्णित है कि श्रीमद् भागवद् का वाचन शुकदेव जी किया करते थे। शुकदेव तोते का ही रूप थे। शुकदेव महाभारत काल के मुनि थे। लेकिन यह तो बात हुई पुराणों की, लेकिन वर्तमान में मौजूद काफी ऐसे पक्षी है। जिनसे आध्यात्मिक बातों का अनुसरण किया जा सकता है।
 
हंस देवी सरस्वती का वाहन है। यह श्वेत पक्षी होता है। जो जल में भी विचरण कर सकते है। जल और जमीन पर रहने वाले इस पक्षी के बारे में कहते हैं कि यह दूध और पानी को अलग-अलग कर दूध पी जाता है और पानी छोड़ देता है। कहने का आशय यह है कि जिंदगी में अच्छी बातों का अनुसरण करना चाहिए। गलत बातों को आत्मसात नहीं करना चाहिए।
  
ठीक इसी तरह कोयल की वाणी मधुर होती है। ठीक इसी पक्षी की तरह हमेशा बोलते समय मीठे शब्दों का प्रयोग करना चाहिए। ऐसा करने पर आप सभी के प्रिय बने रह सकते है। यदि दोनों ही पक्षियों के इन आध्यात्मिक गुणों को कोई भी व्यक्ति आत्मसात कर ले तो उसकी जिंदगी में और भी ज्यादा बेहतर हो सकती है।
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