पंजाब: सरकार का दावा- लैंड पूलिंग पॉलिसी को मिल रहा समर्थन

आप सरकार का कहना है कि लैंड पूलिंग योजना को लेकर राज्यभर के किसानों में उत्साह का माहौल है। पार्टी ने कहा है कि विपक्ष हताशा में इस योजना को लेकर झूठ फैला रहा है और विरोध कर रहा है।

पंजाब सरकार की तरफ से हाल ही में लाई गई लैंड पूलिंग नीति को लेकर राज्य में कहीं उत्साह का माहौल है तो कहीं किसान संगठनों ने इस योजना के खिलाफ ट्रैक्टर मार्च निकालने का एलान किया है। दरअसल, योजना के तहत अब सरकार किसानों की जमीन का सीधे अधिग्रहण कर उन्हें मुआवजा नहीं देगी, बल्कि जमीन देने वाले किसानों को उसी जमीन पर रिहायशी और कमर्शियल प्लॉट मुहैया कराएगी। इस योजना को जहां आम आदमी पार्टी की सरकार ने अभूतपूर्व करार दिया है, वहीं विपक्ष समेत किसान संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने इसकी आलोचना की है।

आप सरकार का कहना है कि लैंड पूलिंग योजना को लेकर राज्यभर के किसानों में उत्साह का माहौल है। पार्टी ने कहा है कि विपक्ष हताशा में इस योजना को लेकर झूठ फैला रहा है और विरोध कर रहा है। इस पॉलिसी के कारण बिल्डर लॉबी में जबरदस्त घबराहट है। क्योंकि पंजाब सरकार के अर्बन डेवलमेंट प्लान की वजह से अब शहरों में वर्ल्ड क्लास सेक्टर विकसित किए जाएंगे।

सीएम भगवंत मान की सरकार का दावा है कि जमीन देने वाले किसान इस स्कीम को ‘फायदे की डील’ बता रहे हैं। किसानों का कहना है कि यह पहली बार हुआ है जब बिना जमीन अधिग्रहण के लिए उन्हें शहरी विकास योजनाओं में सीधी हिस्सेदारी मिल रही है। यही वजह है कि पटियाला, मोहाली, लुधियाना, अमृतसर, मानसा, फिरोजपुर जैसे जिलों में हजारों किसानों ने अपनी जमीन सरकार को खुद देने पर सहमति दी है।

इस योजना के तहत किसान अपनी मर्जी से अपनी जमीन सरकार को देनी है। प्रति एकड़ जमीन लैंड पूलिंग नीति के तहत देने के बाद किसानों को 1000 गज के रिहायशी प्लॉट और 200 गज का SCO कमर्शियल प्लॉट मिलेगा। इन प्लॉट्स को किसान न केवल किसी भी समय बेच सकते हैं बल्कि स्वयं हाउसिंग प्रोजेक्ट या मार्केट कॉम्प्लेक्स बनाकर भी मुनाफा कमा सकते हैं। आप का कहना है कि इससे न सिर्फ किसानों की आय के नए रास्ते खुल रहे हैं बल्कि उन्हें रियल एस्टेट में सीधी भागीदारी भी मिल रही है। साथ ही प्रॉपर्टी डीलर एजेंट के चक्कर में कहीं कमीशन भी नहीं देना पड़ेगा।

बताया गया है कि पटियाला में पहले हफ्ते में किसानों ने 150 एकड़ और मोहाली में भी 50 से अधिक किसानों ने अपनी जमीन सरकार को देने की सहमति दी है। अमृतसर, मोगा, संगरूर, जालंधर, नवांशहर, होशियारपुर, तरनतारन, फाजिल्का, कपूरथला और बठिंडा जैसे जिलों में भी किसानों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है।

संयुक्त किसान मोर्चा ने क्यों किया नीति के खिलाफ ट्रैक्टर मार्च निकालने का एलान?
मान सरकार की लैंड पूलिंग पॉलिसी के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा ने सर्वदलीय बैठक में प्रस्ताव पारित किया। प्रस्ताव को सरकार को भेज दिया गया है। इसी के साथ मान सरकार की नई लैंड पूलिंग पॉलिसी सहित सर्वदलीय बैठक में लाए गए चार प्रस्तावों को लेकर एसकेएम विरोध में 30 जुलाई को ट्रैक्टर मार्च निकालेगी। इस दौरान सर्वदलीय बैठक में आम आदमी पार्टी को छोड़कर 10 राजनीतिक पार्टियां बैठक का हिस्सा बनीं। बैठक में लैंड पूलिंग पॉलिसी को रद्द किए जाने के प्रस्ताव को पारित करने के बाद किसान संगठनों ने कहा कि यह नीति रियल एस्टेट कंपनियों के पक्ष में और किसानों के खिलाफ है।

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