नहाते समय करें इस मंत्र का जाप, बदल जाएगी आपकी किस्मत

तीर्थ स्थानों पर जाना, पूजा करना और वहां के कुंड या नदी में स्नान करने से मनुष्य के सभी पापों का नाश होकर पुण्य की प्राप्ति होती है। नहाते समय गुरू मंत्र, स्तोत्र, कीर्तन, भजन या भगवान के नाम का जाप करने से मनुष्य को अक्षय पुण्यों की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में भी स्नान का विशेष महत्व बताया गया है। पहले समय में ऋषि मुनि नदी में स्नान कर सूर्यदेव को जल अर्पित कर मंत्रों का उच्चारण करते थे। इससे उन्हें अक्षय फल की प्राप्ति होती थी। नहाते समय करें इस मंत्र का जाप, बदल जाएगी आपकी किस्मत

ब्राह्मण लोग अक्सर नहाते समय कुछ मंत्र या श्लोक का उच्चारण करते हैं। क्योकि उन्हें ये ज्ञात होता है कि यदि तीर्थ स्नान का फल घर पर ही पाना हो तो कुछ अचुक से मंत्रों के जपने से ही मिल सकता है। आज आपको एेसा ही एक मंत्र बताएंगे जिसका जाप नहाते समय करने से हजार तीर्थों का फल प्रदान होता है। आइए जानें-

गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वति। नर्मदे सिन्धु कावेरी जलऽस्मिन्सन्निधिं कुरु।।

इस मंत्र में इतनी शुद्धता है कि यह इंसान का भाग्य भी बदल सकता है। इसकी विशेषता यह भी है कि अगर घर-परिवार में धन की कमी हो रही हो तो इसके जपने से वह बाधा दूर हो जाती है। नहाते टाइम इसका जाप करने से सभी तरह की अशुद्धियां दूर होकर तन और मन से नकारात्मक ऊर्जा का भी नाश होता है। 

इसका जाप नहाते समय करने से तो लाभ होता ही है किंतू आंखे बंद करके ॐ कार ध्वनि से प्राम्भ कर किया जाए तो इसका फल अधिक प्राप्त होता है और ये काफी लाभकारी भी है

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