संघ भागवत बोले- अयोध्या में सिर्फ राम मंदिर बनेगा, कोई दूसरा ढांचा नहीं
यह निर्माण उन लोगों की देखरेख में होगा जो पिछले 25 सालों से राम जन्मभूमि आंदोलन की अगुवाई कर रहे हैं। लेकिन साथ ही यह भी कहा कि मंदिर बनाने से पहले हमें सावधान रहना होगा और इस मामले में जनता को जागरूक बनाने का काम करना होगा। उन्होंने कहा कि हम अपने लक्ष्य को हासिल करने के बेहद करीब है और इस समय हमें ज्यादा सतर्क रहना होगा।
तीन दिन तक चलने वाली धर्म संसद में राम मंदिर के अलावा धर्म परिवर्तन और गोरक्षा के मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी। इस दौरान जाति और लिंग के आधार पर भेदभाव को खत्म करने और हिंदू समाज में समरसता कायम करने के तरीकों पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा। विहिप की इस संसद में देश भर से साधु-संतों, मठ प्रमुखों और विहिप के 2000 से ज्यादा प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
बंगलुरू में आयोजित धर्म संसद में पहुंचे सूत्र का दावा है कि अयोध्या पहुंचते-पहुंचते रविशंकरको अपनी साख पर बट्टा साफ दिखाई देने लगा और वह चुपचाप इस मुद्दे से अभी खिसक लेने में ही अपनी भलाई समझ रहे हैं।
यह थी रविशंकर की योजना
श्रीश्री की योजना इस मुद्दे पर जोरदार मध्यस्थता की थी। वह इसके लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के धार्मिक नेताओं तथा देश के भीतर हिंदू-मुस्लिम धर्म के साधु-संतों के बीच तालमेल बनाकर समाधान निकालने की फिराक में थे। इसके लिए वह काफी सोच समझकर इंतजाम के साथ आगे बढ़े थे।
हालांकि श्रीश्री के पास मौजूद किसी फार्मूले की कोई भनक नहीं मिल पाई है, लेकिन उनके एजेंडे में अपनी छवि के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को भी निखारना था। इसी के इर्द गिर्द वह अपनी योजना को अंजाम दे रहे थे। अजमेर शरीफ दरगाह के प्रमुख समेत अन्य के गृहमंत्री राजनाथ सिंह से भेंट की योजना का मकसद भी यही था। इसी का अगला पड़ाव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर अयोध्या जाने का था।