दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जुमा के करीबी अजय गुप्ता के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट रद्द

दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा के करीबी भारतीय मूल के अजय गुप्ता के खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट रद्द करने का फैसला लिया गया है। बताया जा रहा है कि दक्षिण अफ्रीकी जांच अधिकारियों को अजय के खिलाफ भ्रष्टाचार और मंत्री को घूस देने के ठोस सबूत नहीं मिले, जिसके बाद यह फैसला किया गया। राष्ट्रीय अभियोजन प्राधिकरण (एनपीए) ने दक्षिण अफ्रीका छोड़ चुके अजय के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट रद्द करने का फैसला किया है। जांच अधिकारियों का कहना है कि अजय के खिलाफ ठोस सबूत नहीं पाए गए।दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जुमा के करीबी अजय गुप्ता के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट रद्द

माना जा रहा है कि अजय इस वक्त दुबई में हैं। अजय और उनके भाई अतुल और राजेश पर तत्कालीन जुमा सरकार में बड़े पैमाने पर धांधली, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार और अवैध तरीके से धन कमाने के आरोप हैं। अजय पर तत्कालीन उप वित्त मंत्री मैक्बिसी जोनस को 42.3 बिलियन डालर घूस का प्रस्ताव देने का आरोप है। इसके बदले अजय उप वित्त मंत्री जोनस से आईटी, खनन और मीडिया सेक्टर में टेंडर हासिल करना चाहता थे।

जांच रिपोर्ट के मुताबिक, जोनस खुद निश्चित नहीं हैं कि घूस का प्रस्ताव अजय या राजेश गुप्ता ने दिया था। इसके बाद एनपीए ने अजय के खिलाफ पिछले साल फरवरी में जारी गिरफ्तारी वारंट को रद्द करने का फैसला किया। इसके बाद अजय का दक्षिण अफ्रीका लौटने की राह आसान हो गई। हालांकि, अजय की लीगल टीम की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

गुप्ता बंधुओं के चलते गई थी जुमा की सत्ता!

गुप्ता बंधुओं को तत्कालीन राष्ट्रपति जुमा का बेहद करीबी माना जाता है। जुमा के राष्ट्रपति रहते गुप्ता भाइयों पर दक्षिण अफ्रीका में अवैध तरीके से अरबों रुपये कमाने का आरोप है। इतना ही नहीं, ऐसे आरोप हैं कि देश के वित मंत्री एनएम नेने को 2015 में राष्ट्रपति जुमा ने गुप्ता बंधुओं के कहने पर निकाल दिया था। बात इतनी बढ़ी कि जुमा को राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देना पड़ा और और उसके बाद नेने को दोबारा वित्त मंत्री बना दिया गया। जुमा की सत्ता से विदाई के बाद गुप्ता बंधुओं पर नई सरकार ने शिकंजा कसना शुरू किया। करीब एक साल पहले गुप्ता बंधु देश छोड़कर फरार हो गए।

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