
नोट बैन के बाद बैंकों में बड़े पैमाने पर अघोषित धन जमा कराने वाले लोगों के लिए मोदी सरकार एक बार फिर से डिसक्लोजर स्कीम लॉन्च कर सकती है।
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इस योजना के तहत अघोषित आय रखने वाले लोगों के धन पर 50 पर्सेंट का टैक्स लगेगा और उन्हें अपनी राशि को 4 साल के लिए भूलना होगा। यदि इस स्कीम को न मानने वाले लोगों पर 60 पर्सेंट से अधिक तक की पेनल्टी लगाई जा सकती है। इसके अलावा अगले सप्ताह केंद्र सरकार इनकम टैक्स ऐक्ट में संशोधन भी कर सकती है।
केंद्र सरकार की ओर से यह योजना कैबिनेट की ओर से टैक्स कानूनों को मंजूर किए जाने के एक दिन बाद सामने आई है। बता दें कि देश भर में 8 नवंबर की रात से 1000 और 500 रुपये के नोट महज ‘कागज का टुकड़ा’ रह गए हैं। नोटबंदी के बाद से विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर ‘आम जनता की तकलीफों’ को आधार बनाकर निशाना साध रहा है।
शुक्रवार को संविधान दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचारियों को मौका नहीं मिला, इसलिए वे नाराजगी जता रहे हैं। प्रधनमंत्री ने कहा, ‘भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ एक बहुत बड़ी लड़ाई देश लड़ रहा है।
देश का सामान्य नागरिक इसका सिपाही बना है। सरकार के निर्णय पर बहुत कम आलोचना हो रही है लेकिन कुछ लोग कह रहे हैं कि सरकार ने तैयारी नहीं की। असल में उन लोगों को दुःख इस बात का है कि सरकार ने किसी को तैयारी करने का समय नहीं दिया।’