जानिए रिश्ते बिगड़ने से पहले आखिर कब उन्हें एक मौका और देना चाहिए

अक्सर रिलेशनशिप में देखा जाता है कि हर पार्टनर को लगता है कि वो एकदम परफेक्ट है और कमी सामने वाले में है। जबकि ऐसा होता नहीं है। कोई भी इंसान परफेक्ट नहीं होता है। कहीं न कहीं अनजाने में हर कोई गलती करता है। इन गलतियों की वजह से आप कई बार पार्टनर से नाराज हो जाते हैं। रिश्ते में ऐसी छोटी-मोटी तकरार और मनमुटाव चलता रहता है। ये तकरार आपको आपके साथी की अहमियत समझने, उनको आपकी अहमियत समझाने के लिए और रिश्तों में एक नई ताजगी के लिए जरूरी भी है। लेकिन कई बार जब तकरार ज्यादा बढ़ जाए तो आपस की दूरियां भी बढ़ने लगती हैं। ऐसे वक्त में कोई भी बड़ा फैसला करने से पहले आपको कम से कम एक मौका अपने साथी को जरूर देना चाहिए। अगर आप उनके साथ गुजारे हुए अपने बेस्ट मोमेंट्स को याद करेंगे और वो बातें याद करेंगे जिनपर आप दोनों साथ-साथ हंसे थे, तो आपके दिल में उनके लिए कड़वाहट थोड़ी कम होगी। इसलिए हम आपको बता रहे हैं कि रिश्ते बिगड़ने से पहले आखिर कब उन्हें एक मौका और देना चाहिए।जानिए रिश्ते बिगड़ने से पहले आखिर कब उन्हें एक मौका और देना चाहिए

अगर साथी गलती की माफी मांग रहा है

अगर आपके साथी को अपनी गलती का एहसास हो गया है और उन्होंने इस बात के लिए आपसे माफी मांग ली है तो आपको उन्हें एक चांस और देना चाहिए। अपनी गलती का एहसास सबको नहीं होता है, पछतावा उसी को होता है जिस इंसान का दिल साफ हो। इसलिए उन्हें एक मौका देना जरूरी है।

समझें रिश्ते की अहमियत

सबसे पहले ठंडे दिमाग से उस घटना या बात के बारे में सोचिए जिसके बाद आप दोनों के बीच मनमुटाव हुआ था। हो सकता है आपने अपने साथी की बात को गलत तरीके से समझा हो या  उन्हें अपनी बात कहने का मौका न दिया हो। ऐसे में इतनी छोटी सी बात पर रिश्ता तोड़ना अच्छी बात नहीं है। गलती किसी की भी हो, अगर आपको अपने रिश्ते की कोई अहमियत समझ आती है, तो आगे बढ़कर आपको ही उन्हें मनाना होगा।

अगर पार्टनर अच्छे दिल वाला है

कुछ गलतियां ऐसी होती हैं जिनमें सामने वाला ये नहीं सोच पाता कि उनका परिणाम क्या होगा। ऐसी गलतियों पर आपका थोड़ा गुस्सा जायज है लेकिन इतना नाराज होना कि रिश्ता खत्म होने की नौबत आ जाए, गलत है। अगर आपके साथी दिल के अच्छे इंसान हैं और उनसे अनजाने में कोई गलती हो गई है, तो आपको उन्हें माफ कर देना चाहिए और रिश्ते को एक-मौका और देना चाहिए।

मेच्योर साथी हो

कई बार रिश्ते इस लिए भी ज्यादा नहीं चलते कि दोनों में से एक इंसान कम मेच्योर होता है। अगर आपके साथी समझदार हैं, आपकी बातों और परेशानियों को बखूबी समझते हैं, तो ऐसे इंसान को एक मौका देने में कोई बुराई नहीं है क्योंकि माफ करना आपके मेच्योरिटी की पहचान है और गलती की माफी मांगना उनकी मेच्योरिटी की पहचान है।

अगर दिल की कड़वाहट कम हो जाए

कई बार गलती के बाद सामने वाले पर बहुत गुस्सा आता है और हम गुस्से में कोई गलत फैसला ले लेते हैं। लेकिन वक्त के साथ ये कड़वाहट कम हो जाती है और हमें इस बात का एहसास हो जाता है कि साथी को छोटी सी गलती के लिए इतनी बड़ी सजा नहीं देनी चाहिए। तब ऐसे समय में साथी से बात करनी चाहिेए और उन्हें एक मौका और देना चाहिए।

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