जानिए मानव की मृत्यु के बाद उसकी आत्मा का क्या होता है, और वह कहाँ जाती है ?

इस संसार सागर में जन्म लेने वाला प्रत्येक जीव एक न एक दिन मृत्यु को प्राप्त करता ही है .हम सब कहते ही है कि- जो जन्मा है,वह मरेगा ,सूर्य का उदय हुआ तो अस्त होगा,सुख आया तो दुःख भी आएगा ,रात है तो दिन है ये सभी प्रकृति के अनुकूल ही आते -जाते रहते है .जानिए मानव की मृत्यु के बाद उसकी आत्मा का क्या होता है, और वह कहाँ जाती है ?

अब हम मृत्यु के बाद देह को त्याग देने वाली आत्मा की बात करें तो धार्मिक ग्रंथ गरुड़ पुराण में वर्णित है कि मानव की मृत्यु के पश्चात उसके द्वारा किये गए कर्मों के अनुसार ही उसकी आत्मा का निर्णय होता है.उसने यदि दान धर्म जैसे अच्छे कार्य किये तो वह स्वर्ग को जाता है. कहने का तात्पर्य उसकी आत्मा को सभी सुख प्राप्त होते है.अच्छे कर्मों के साथ ही साथ यदि वह भगवान की भक्ति ,उनका स्मरण करता है.तो वह इस संसार सागर के आवागमन से मुक्त होकर मोक्ष को प्राप्त करता है. फिर कभी उसकी आत्मा इस पृथ्वी लोक में नहीं आती है .

पर यदि किसी भी व्यक्ति ने पृथ्वी पर रहते हुए कुकर्म किए हों ,किसी को सताया हो तो उसे नर्क भेजा जाता है.जहां कई तरह की यातनाओं से आत्मा को प्रताड़ित किया जाता है. आप जैसे कर्म करते हैं.उस अनुसार ही आपको फल मिलता है .  

आया है तो जायेगा, राजा,रंक ,फकीर 
एक सिंहासन चढ़ चला ,एक बंधा जंजीर 
हर किसी को अपने -अपने कर्मों के अनुसार ही परिणाम मिलता है . 

कर्मों का लेखा- जोखा –  
1.ऐसे व्यक्ति जो पशु-पक्षी जैसे अन्य जीव को मारकर खाते हैं.उन्हें यमदूत तेल में उबालते हैं और उनकी इस आत्माको बहुत कष्ट पहुंचाते है .

2 .धन लूटने वाले,दूसरों का हिस्सा छीनने वाले  भ्रष्टाचारियों को नर्क में विचित्रप्राणी काट-काट कर खाते हैं.

3 .जो व्यक्ति किसी के प्रति हिंसा करते हैं, वे रुरु नामक भयंकर जीव बनकर रौरव नर्क में पीड़ा पाते हैं.

4 .वैतरणी: यदि कोई धर्म का पालन नहीं करता है. तो उसकी आत्मा को रक्त, हड्डी, नख, चर्बी, मांस से भरी नदी में फेंक दिया जाता है.

5 .तामिस्र: जो व्यक्ति दूसरों के धन, स्त्री और पुत्र का अपहरण करता है, उस दुरात्मा को तामिस्र नाम की यातना सहनी होती है. इसमें यमदूत उसे अनेक कष्ट देते हैं.

6 .शाल्मली: जो व्यक्ति व्यभिचार करता है, उसे शाल्मली नामक नरक में गिराकर उसकी आत्मा को लोहे के कांटों के बीच पीसा जाता है। इस तरह उसे अपने कर्मों का फल भोगना होता है.

7.तप्ससूर्मि: जो व्यक्ति किसी दूसरे की स्त्री के साथ समागम करता है, उसे तप्ससूर्मि यातना दी जाती है इसमें उसकी आत्मा को कोड़े से पीटकर गर्म लोहे के स्तंभों से आलिंगन करवाया जाता है.

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