जल्द ही हाईवे की एंबुलेंस को टोल फ्री नंबर 108 से जोड़ा जाएगा, अब वक्‍त पर मरीज को मिलेगा उपचार

नेशनल और स्टेट हाईवे का दिनोंदिन जाल बिछ रहा है। ऐसे में रफ्तार के साथ दुर्घटनाएं भी बढ़ी हैं। वहीं, घायलों को समय पर एंबुलेंस मिलने में मुश्किल हो रही है। लिहाजा, राजमार्गो पर अब नेटवर्क मजबूत होगा। जल्द ही हाईवे की एंबुलेंस को टोल फ्री नंबर 108 से जोड़ा जाएगा।

दरअसल, राजमार्गो पर हाई स्पीड के चलते दुर्घटनाएं हो रही हैं। इनमें से अधिकतर व्यक्ति मल्टीपल फ्रैक्चर की चपेट में आ रहे हैं। समय से उपचार न मिलने से बहुत से व्यक्ति असमय मौत का शिकार हो जाते हैं। ऐसे में सरकार जहां दुर्घटना का ग्राफ कम करने पर फोकस कर रही है। वहीं, समय से घायलों को उपचार मुहैया कराने का भी खाका तैयार कर रही है। इसके लिए एंबुलेंस सेवा अहम कड़ी है। लिहाजा, स्टेट हाईवे, नेशनल हाईवे की सभी एंबुलेंस 108 इमरजेंसी सेवा से जोड़ने पर मंथन चल रहा है। 108 में कॉल करने पर ही हाईवे की एंबुलेंस भी मिल सकेगी।

बार-बार कॉल का झंझट खत्म

अभी एनएचएआइ की एंबुलेंस का नंबर 1033 है। वहीं शहर से गांव तक लोकप्रिय 108 नंबर है। दुर्घटना होने पर अधिकतर 108 को ही कॉल आती हैं, मगर इनकी लोकेशन दूर होती है। वहीं एनएचएआइ, स्टेट हाईवे की एंबुलेंस राजमार्ग पर ही होती हैं। ऐसे में 108 पर कॉल आते ही तुरंत हाईवे की एंबुलेंस पर ट्रांसफर कर दी जाएंगी। लिहाजा, घायल को समय से एंबुलेंस सेवा मिल जाएगी।

आइसीयू में बढ़ेंगे बेड

क्वीन मेरी अस्पताल में जल्द ही आइसीयू वार्ड में चार बेड बढ़ाए जाएंगे। ऐसे में मरीजों को और सुविधा मिलेगी। ओपीडी में रोज करीब तीन से चार सौ नए मरीज आते हैं, जिनमें करीब 25 से 30 मरीजों को भर्ती किया जाता है। वहीं, एनीमिया, पीलिया, बीपी व अन्य जटिल बीमारियों के चलते काफी मरीज रेफर होकर गंभीर स्थिति में आते हैं। ऐसे में इन्हें आइसीयू की आवश्यकता होती है, लेकिन उन्हें आइसीयू नहीं मिल पाता है। इस हालत में गंभीर मरीजों का लोड आइसीयू पर बढ़ता है और बेड की समस्या हो जाती है। गंभीर मरीजों के लिए एनएचएम के कोष से चार बेड बढ़ाए जाएंगे। इस समय विभाग में 18 आइसीयू बेड हैं। मरीज बढ़ने पर बेड की समस्या पैदा हो जाती है। इस वजह से बेड की संख्या बढ़ाई जा रही है। ऐसे में बेड बढ़ने से मरीजों को अत्याधिक राहत मिल सकेगी। इस बाबत प्रवक्ता डॉ. स्मृति अग्रवाल का कहना है कि विभाग में आने वाले गंभीर मरीजों को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ती है। बेड बढ़ने से लोड थोड़ा कम होगा।

कितनी हैं एंबुलेंस

  • 65 एंबुलेंस प्रदेश में एनएचएआइ व स्टेट हाईवे की।
  • 200 एंबुलेंस 108 सेवा के तहत हो रही संचालित।
  • 1033 नंबर अभी एनएचएआइ की एंबुलेंस का है।

क्‍या कहते हैं एडिशनल डायरेक्टर हेल्थ-टेक्निकल ?

एडिशनल डायरेक्टर हेल्थ-टेक्निकल डॉ. डीके सिंह के मुताबिक, 108 से हाईवे अथॉरिटी की एंबुलेंस जोड़ने का प्रस्ताव आया है। 108 संचालक कंपनी व हाईवे अथॉरिटी के बीच कॉल सेंटर व एचआर पर होने वाले व्यय पर मंथन चल रहा है। जल्द ही दोनों में सहमति बनने की उम्मीद है।

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