

संविदा पर रखी शिक्षिकाओं में से वह अपने काम के लिए शिक्षिकाओं को ट्रेस करता था। फिर इन्हीं शिक्षिकाओं के जरिए वह छात्राओं को दोस्ती का ऑफर देता था। प्रिंसिपल की खास राजदार एक ऐसी ही शिक्षिका को मैनेजमेंट करीब बीस दिन पहले नौकरी से निकाल चुका है।
प्रिंसिपल नईम अहमद बाकायदा प्लानिंग के तहत छात्राओं को फंसाता था। इसके लिए उसने बाकायदा उसने अपना नेटवर्क तैयार कर रखा था।
वह गरीब छात्राओं को वजीफे से लेकर दूसरी तमाम सुविधाओं का प्रलोभन देता था। शिक्षिकाओं को भी पक्की नौकरी के सब्जबाग दिखाता था। कम उम्र की लड़कियों को वह अपने बताए ठिकानों पर बुलाता था, किसी को शक न हो इसके लिए छात्रा के साथ में शिक्षिका को आने को कहता था।
प्रिंसिपल की हरकतें अर्से से कालेज में गूंज रही थीं। लेकिन इज्जत आबरू की वजह से छात्राएं मुंह नहीं खोल पा रही थीं। लेकिन जब प्रिंसिपल की हरकतें बढ़ती गईं तो छात्राओं ने एकजुट होकर उसकी करतूतों का भंडा फोड़ दिया।
करीब सात वर्षों से ठाकुरद्वारा के मुस्लिम इंटर कालेज की कुर्सी पर बैठे नईम अहमद का अतीत दागदार रहा है। यह पहला मामला नहीं है जब उन पर छात्राओं से अश्लीलता करने के आरोप लगे हैं।
छह साल पहले भी नईम ने छात्राओं के साथ छेड़छाड़ की थी। तब प्र्रबंध समिति ने उन्हें बर्खास्त करके स्कूल से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। लेकिन नईम हाईकोर्ट से स्टे ले आया और नौकरी पर काबिज रहा।
कांठ थाना क्षेत्र के गांव नवादा निवासी नईम अहमद ने सितंबर 2008 में ठाकुरद्वारा के मुस्लिम इंटर कालेज में बतौर प्रिंसिपल ज्वाइन किया था। लेकिन नईम की हरकतें शुरू से पद की गरिमा के अनुरूप नहीं थी।
प्रिंसिपल के ओहदे पर होने के बावजूद वह अपने ही कालेज की छात्राओं से छेड़छाड़ करता था। तैनाती के एक साल के भीतर ही नईम की हरकतें उजागर होने लगीं। वर्ष 2009 में वह एक छात्रा के साथ छेड़छाड़ के मामले में फंस गया।
मामले ने तूल पकड़ा तो प्रबंध समिति ने प्रिंसिपल को नौकरी से निकाल दिया। लेकिन उसने प्रबंध समिति के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट से स्टे ले लिया और तब से इसी आदेश के सहारे पि्रंसिपल की कुर्सी पर काबिज है। इस प्रकरण के बाद भी उसकी हरकतों में कोई सुधार नहीं हुआ और वह लगातार छात्राओं से अश्लीलता करता रहा।
छात्राओं का कहना था कि प्रिंसिपल उनके साथ छेड़छाड़ करते हैं और फोन करके अश्लील बातें करते हैं। इस पर प्रिंसिपल से सात दिन के भीतर अपना स्पष्टीकरण देने को कहा था। मंगलवार को वह अपना स्पष्टीकरण लेकर आए थे, उनके स्पष्टीकरण से प्रबंध समिति संतुष्ट नहीं है और प्रधानाचार्य को निलंबित कर दिया गया है।
वहीं सीओ ठाकुरद्वारा एसएन सिंह ने बताया कि मुस्लिम इंटर कालेज के मैनेजर मुख्तियार सैफी को भी पुलिस की ओर से नोटिस दिया गया है। जिसमें कहा गया है कि छात्राओं ने आठ दिन पहले ही जब उन्हें प्रिंसिपल की करतूतों के बारे में बता दिया था, सुबूत के तौर पर आडियो टेप तक दिया था तो फिर उन्होंने कोई एक्शन क्यों नहीं लिया।
पुलिस ने मैनेजर को दिए नोटिस में कहा है कि जब मामला संज्ञेय अपराध का था तो मैनेजर ने इसकी सूचना पुलिस को क्यों नहीं दी। पुलिस ने मैनेजर से स्पष्टीकरण देने को कहा है। इसके साथ ही चेतावनी दी है कि यदि तीन दिन के भीतर अपना स्पष्टीकरण नहीं दिया तो यह माना जाएगा कि इस मामले में उनकी संलिप्तता है और फिर पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी।