चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को कभी नहीं करना चाहिए इन चीजों को लेकर शर्म, होता हैं नुकसान

आचार्य चाणक्य की नीतियों के बारे में हम काफी समय से जान रहे हैं लेकिन लोग उनके बताए गए चिन्हों पर चलने के बजाय उनसे बचकर निकल लेते हैं। चाणक्य ने अपनी नीतियों के दम पर ही एक बालक को सम्राट बना दिया, जिन्हें चंद्रगुप्त मौर्य के नाम से जाना जाता है। चाणक्य ने जीवन से जुड़ी कई सारी बातें अपनी किताब में बताया है लेकिन आज लोग उनका अनुसरण नहीं कर पा रहे।

जबकि आचार्य चाणक्य की नीतियों पर चलकर कई राजा-महाराजाओं ने सफल शासन चलाया है। उन्होंने अपनी एक नीति में ये बताया है कि अगर कोई व्यक्ति अगर इन बातों में संकोच करता है या फिर शर्माता है तो वो जीवन में कभी भी सुखी नहीं रह सकता। इसके साथ ही वो अपने भविष्य को भी खतरे में डाल सकता है…..

आचार्य चाणक्य ने कहा है कि धन संबंधित कार्य करने में एक व्यक्ति को कभी भी शर्माना नहीं चाहिए। अगर ऐसा होता है तो इससे आपके धन की हानि हो सकती है। इसलिए ऐसा कभी भी न करें।

इसके अलावा आचार्य चाणक्य ने कहा है कि कभी भी ज्ञान लेने में शर्म नहीं करनी चाहिए। अगर आप ज्ञान लेते हैं तो इसी के बूते आप अपने भविष्य को मजबूत करते हैं। अगर आपको अपने शिक्षक की कोई भी बात या प्रश्न नहीं समझ आ रहा तो उसे बिना हिचकिचाहट के उनसे पूछलेना चाहिए, उसमें देरी नहीं करनी ताहिए।

खाने-पीने की चीजों में कभी भी शर्म नहीं करनी चाहिए। अगर आपको भूख लगती है और शर्म की वजह से आप खाना नहीं खा रहे हैं तो ऐसा बिल्कुल भी न करें क्यूंकि इससे हानि आपकी ही है।

चाणक्य ने कहा है कि काम-धंधे में किसी तरह से शर्म नहीं करनी चाहिए। आप जो भी काम करते हैं, अगर उसमें कहीं आप फंसते हैं या कुछ समझ नहीं आता है तो आपको बेझिझक पूछना चाहिए। अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो इससे आपका ही नुकसान होता है।

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