गुरु पूर्णिमा की रात पड़ रहा है ये चंद्र ग्रहण, जानिए किन के लिए है फायदेमंद

इस सदी का सबसे लंबा चंद्र ग्रहण इस वर्ष की गुरु पूर्णिमा यानि 27 जुलाई की देर रात को घटित हो रहा है। ग्रहण का स्पर्श काल 27 जुलाई को रात 11.54 पर होगा। इसका समापन 28 जुलाई की सुबह 03.54 पर है। यह ग्रहण उत्तराषाढ़ा में आरंभ होकर श्रवण नक्षत्र में समाप्त होगा। इस दौरान प्रीति योग और बालव करण होगा। आइए जानते हैं चंद्र ग्रहण के वक्‍त क्‍या करें और क्‍या नहीं व किसके लिए फायदेमंद है चंद्रग्रहण…गुरु पूर्णिमा की रात पड़ रहा है ये चंद्र ग्रहण, जानिए किन के लिए है फायदेमंद

जप-तप से होगा लाभ 
सूर्य और चंद्रमा के बीच जब पृथ्वी एक सीधी रेखा में आ जाती है तो यह ज्यामितीय स्थिति चन्द्रग्रहण कहलाती है। अतएव चंद्रग्रहण सिर्फ पूर्णिमा को ही घटित हो सकता है। ग्रहण का प्रकार एवं अवधि सूर्य और धरती के मध्य चंद्रमा की स्थिति पर निर्भर होता है। ग्रहण का शाब्दिक अर्थ है, ग्राह्य, अंगीकार, स्वीकार, धारण या प्राप्त करना। लिहाजा आध्यात्मिक मान्यताएं ग्रहण काल में ब्रह्माण्डीय ऊर्जा को अंगीकार करने के लिए जप, तप, उपासना, साधना, ध्यान और भजन का निर्देश देती हैं।

इनके लिए अशुभ है चंद्र ग्रहण 

इस काल में प्रयास करने पर संगीत और लेखन में अद्वितीय कृति का जन्म हो सकता है। लंबा चन्द्रग्रहण शिक्षा के विकास के लिए भी अनुकूल है। इस बार गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व पर चन्द्रग्रहण अपने भीतर कई गंभीर और गहरे संकेत समेटे हुए। आत्मिक और मानसिक उन्नति के लिए यह ग्रहण बहुत ही उत्तम है। मंत्रियों, राजनीतिक लोगों, प्रशासनिक व सरकारी अधिकारियों, कथा वाचकों, ज्योतिषियों, मान्त्रिकों, अग्निहोत्रियों, पुरोहितों के साथ आध्यात्मिक और धार्मिक गुरुओं के लिए यह ग्रहण अशुभ दृष्टिगोचर हो रहा है।

व्‍यापार जगत को होगी निराशा 
धार्मिक लोगों की आस्था दरकेगी। मंदिरों या उपासना गृहों से जुड़ा कोई विवाद खड़ा होगा। आमजन का मन अशान्त होगा। धर्म या किसी सोच के समर्थन के प्रति उन्माद के भाव उत्पन्न हो सकते हैं। सोने के व्यापारियों पर सकारात्मक और उद्योग जगत के लिए यह ग्रहण नकारात्मक फल प्रदान करेगा। फलस्वरूप उद्योगपतियों और जनता पर इसका उलटा असर स्पष्ट दिखेगा। फौज और फौजियों को ये ग्रहण कष्ट दे सकता है। शेयर बाजार और उससे जुड़े लोगों की परेशानी पर यह चन्द्रग्रहण चिन्ता की लकीरें उकेर कर उनके लाभ पर ग्रहण लगाएगा।

अभिनेता या किसी नामचीन व्यक्ति की बिगड़ सकती है सेहत 
छोटी और मझोली कंपनियों के शेयरों के भावों पर छोटा नहीं, बड़ा हथौड़ा चल सकता है। नेताओं के बयानों से निराशा से अधिक झुंझलाहट होगी। रक्षा सौदों से संबंधित कोई विवाद सिर उठा सकता है। किसी बड़े राजनीतिज्ञ, कलाकार, अभिनेता या किसी नामचीन व्यक्ति की सेहत बिगड़ सकती है या इनके साथ कोई अनहोनी हो सकती है।

किसानों को मुनाफा 
सोना, ताम्बा, चावल, घी, गुड़, केसर, खनिज के व्यापारी लाभ कमाएंगे। सेब, टमाटर, चुकन्दर के किसानों को मुनाफा होगा। दुर्घटनाओं में सहसा वृद्धि होगी। जमीन फटने, इमारत धंसने, आग लगने की घटनाएं होंगी। बाढ़ से हाल बेहाल होगा। किसी खिलाड़ी, नेता या अभिनेता पर गंभीर आरोप लग सकते हैं। किसी नामचीन व्यक्ति पर छेड़छाड़ या शोषण का आरोप लग सकता है।

मकर राशि को हो सकता है नुकसान 
मकर राशि में ग्रहण होने से मकर राशि वालों के लिए यह ग्रहण शुभ नहीं है। इनके साथ मिथुन, तुला व कुंभ राशि के लोगों के लिए मामूली चुनौतियां खड़ी होंगी। मेष, सिंह, वृश्चिक, मीन राशि के लिए ग्रहण आनन्द का सबब बनेगा। वृष, कर्क, कन्या व धनु के लिए मिलाजुला रहेगा। मेष को आनन्द की प्राप्ति, वृष की प्रतिष्ठा पर प्रश्न चिन्ह, मिथुन को मानसिक अंतर्द्वंद व अनिद्रा, कर्क के लिए जीवनसाथी से उलझन व लाभ, सिंह को अपार सुख, कन्या के लिए बेचैनी, तुला के लिए कष्ट, वृश्चिक के लिए भरपूर लाभ और आनंद, धनु को हानि, मकर के लिए धोखा और षड्यंत्रकारक, कुंभ को स्वास्थ्य कष्ट और मीन राशि के लोगों के लिए प्रचुर लाभ के संकेत मिल रहे हैं।

मोक्ष के लिए यह रात्रि बेहद कारगर 
जिनकी कुंडली में पितृदोष या ग्रहण योग है उन्हें संबंधित ग्रहों की ग्रहण की रात उपासना से लाभ मिलेगा। सूर्य और चंद्रमा के साथ यदि राहु या केतु बैठे हों तो यह युति ग्रहण योग कहलाती है। यह स्थिति जीवन में लम्बे समय तक संघर्ष को जन्म देती है। इसके अतिरिक्त शनि पर सूर्य की दृष्टि भी पितृ दोष का निर्माण करती है। श्रवण नक्षत्र में पड़ने वाला ग्रहण में माता-पिता के कल्याण के लिए की गयी साधना बेहद प्रभावी सिद्ध होती है। श्रवण नक्षत्र के ग्रहण में आरोग्य, विद्या और आकर्षण की उपासना शीघ्र फल प्रदान करती है। मोक्ष के लिए यह रात्रि बेहद कारगर है।

ग्रहण के पश्‍चात ऐसा होना चाहिए दान
ग्रहण के पश्चात दान की परंपरा है। आटा, गेहूँ, गुड़, वस्त्र, रसीले फल आदि दान देने के लिए उत्तम माने गए हैं। संपत्ति विवाद से मुक्ति के लिए तिल के मिष्ठान, मान-सम्मान के लिए सूखी मिठाइयां, तात्कालिक आर्थिक कष्ट को दूर करने के लिए रस वाले मीठे पदार्थ, रोग से मुक्ति के लिए घी से भरे चांदी के टुकड़े युक्त कांसे के कटोरे में अपनी छाया देखकर दान, संकट से मुक्ति के लिए ग्रहण के बाद की सुबह को चींटियों और मछलियों को भोजन अर्पित करने से शुभ और आशाजनक परिणाम प्राप्त होता हैं, ऐसा पारंपरिक अवधारणाएं कहती हैं।

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