पर्यटकों के लिए रोहतांग दर्रा खुलते ही सैलानियों का मेला लग गया है। बर्फ के बीच सैलानी जमकर मस्ती कर रहे हैं। जिला प्रशासन की ओर से एनजीटी के आदेश पर रोजाना 1300 वाहनों को रोहतांग दर्रा भेजा जा रहा है। सैलानियों को रोहतांग पहुंचने की इतनी जल्दी है कि सुबह चार से पांच बजे ही गुलाबा बैरियर में पहुंचना शुरू जाते हैं
आज भी गुलाबा में ऐसा ही नजारा देखने को मिला। सैलानियों को ब्यास नाले से ही बर्फ के दीदार हो रहे हैं जिसे देख वे रोमांचित हो रहे हैं। आने वाले दिनों में सैलानी लाहौल, काजा व लेह की तरफ का भी रुख करेंगे। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी से मनाली घूमने आई जहनवी शर्मा और चेतना शर्मा ने बताया कि वह परीक्षा देने के बाद मनाली आई हैं।
आज वे रोहतांग घूमने पहुंच गईं। बर्फ के बीच उन्होंने न केवल मस्ती की बल्कि सेल्फी के साथ फोटोग्राफी भी की। उन्होंने रोहतांग की वीडियो को अपने दोस्तों के साथ शेयर कर उन्हें भी मनाली व रोहतांग आने को कहा है। मुंबई से परिवार के साथ आए सतीश कुमार ने कहा कि मनाली और रोहतांग की वादियां अद्भुत हैं। उन्होंने सुना था, लेकिन मौके पर पहुंच कर वह नजारों के कायल हो गए हैं। 10 से 15 फीट बर्फ के बीच अठखेलियां करना उन्हें जन्नत में होने का एहसास दे रहा है।
उधर, सैलानियों की भीड़ जुटने से ब्यास नाला से ही जाम की स्थिति उत्पन्न होना शुरू हो गई है। आज भी कई सैलानियों को घंटों तक जाम में फंसे रहना पड़ा। पर्यटकों को कई किलोमीटर पैदल ही सफर करना पड़ा है। एसडीएम मनाली अश्वनी कुमार ने कहा कि अभी रोहतांग दर्रे में वाहनों को पार्क करने और पासिंग की सुविधा पर्याप्त नहीं है।
टैक्सी चालक व पर्यटक अपने वाहनों को बेतरतीब तरीके से पार्क कर देते हैं जिससे जाम लग जाता है। रोहतांग दर्रे के लिए इलेक्ट्रिक बस सेवा तीन जून के बजाए अभी दो से तीन देरी से शुरू होगी। एचआरटीसी कुल्लू ने रोहतांग दर्रे में रिकॉर्ड बर्फबारी होने पर यह निर्णय लिया है।
आरएम कुल्लू डीके नारंग ने बताया कि पहले चरण में रोहतांग के लिए एचआरटीसी की दो इलेक्ट्रिक बसें सोमवार से चलनी थीं।
इसके लिए निगम ने तैयारियां कर ली थीं। लेकिन दर्रे का निरीक्षण करने के बाद यहां बसों को पार्क करने के साथ उन्हें मोड़ने की सुविधा नहीं होने से शेड्यूल बदला गया है।