गंगा तट पर संतों का सानिध्य प्राप्त होता है सौभाग्यशाली व्यक्ति को

हरिद्वार। संत महापुरुष भारतीय संस्कृति की धरोहर हैं और गुरू शिष्य परंपरा ही सनातन धर्म की पताका पूरे विश्व में लहरा रही है। यह बात भूपतवाला स्थित तुलसी मानस मंदिर के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी अर्जुनपुरी महाराज ने आश्रम में आयोजित महामृत्युंजय यज्ञ के विश्राम अवसर पर श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कही………

 

उन्होंने कहा कि संतों के उपदेश सदैव प्रेरणादायी होते हैं और महापुरुषों ने समाज को सदा नई दिशा प्रदान की है। उन्होंने कहा कि गंगा तट पर संतों का सानिध्य सौभाग्यशाली व्यक्ति को प्राप्त होता है। स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज ने कहा कि उत्तराखंड संतों की तपस्थली है। स्वामी कमलानंद गिरी महाराज ने कहा कि धार्मिक अनुष्ठान से और दान पुण्य करने से व्यक्ति के परिवार में सुख समृद्धि का वास होता है। 
स्वामी संविदानंद महाराज ने कहा कि मानव सेवा ईश्वर पूजा के समान है। किसी गरीब असहाय व्यक्ति की सेवा करने से भगवान सदा प्रसन्न रहते हैं। तुलसी मानस मंदिर आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी अर्जुनपुरी महाराज ने बताया कि 10 से 14 जून तक मंदिर में कई धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। जिनका समापन गंगा दशहरे के दिन होगा। इस अवसर पर स्वामी ऋषि रामकिशन, महंत मोहन सिंह, महंत विनोद गिरी, स्वामी शिवम महाराज, स्वामी शिवानंद भारती, महंत तीरथ सिंह, महंत प्रेमसिंह, स्वामी राजेंद्रानंद, स्वामी जगदीशानंद गिरी, स्वामी चिदविलासानंद महाराज, स्वामी रामप्रसाद, स्वामी निर्भयदास, महंत रामदास शास्त्री, स्वामी अभयदास आदि मौजूद रहे।

Back to top button