खौफनाक सुसाइड: छात्र ने टेप लगाकर बंद किए ऑक्सीजन के सारे रास्ते, अलाव जलाकर की आत्महत्या

एनआईटी के हॉस्टल में छात्र ने टेप लगाकर ऑक्सीजन के सभी रास्ते बंद किए। अलाव जलाया और मौत को गले लगा लिया। घटना हरियाणा के कुरुक्षेत्र की है। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) के हॉस्टल में छात्र ने अलाव जलाकर आत्महत्या कर ली। खुदकुशी से पहले छात्र ने कमरे में ऑक्सीजन आने के सारे रास्ते टेप और अखबार लगाकर बंद कर दिए थे। इसके बाद कमरे में अलाव जला लिया। अलाव जलाने के बाद ऑक्सीजन की कमी होने से छात्र की दम घुटने से मौत हो गई।खौफनाक सुसाइड: छात्र ने टेप लगाकर बंद किए ऑक्सीजन के सारे रास्ते, अलाव जलाकर की आत्महत्या

सोनीपत के शास्त्री नगर निवासी आकाश नासिर एनआईटी में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग फाइनल ईयर का छात्र था। वह एनआईटी के हॉस्टल नंबर-10 के कमरा नंबर-263 में रह रहा था। सोमवार को वह क्लास रूम में नहीं गया था। सुबह करीब साढ़े 10 बजे साथियों ने कमरे का दरवाजा खटखटाया तो भीतर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।

काफी देर तक दरवाजा खटखटाने के बाद भी जब कोई जवाब नहीं मिला तो हॉस्टल स्टाफ को इसकी सूचना दी गई। हॉस्टल स्टाफ और कुछ छात्रों ने रोशनदान से भीतर झांकने का प्रयास किया, लेकिन कुछ दिखाई नहीं दिया। क्योंकि रोशनदान के शीशे पर अखबार चिपका था। पीछे की खिड़की से भी कुछ नहीं दिखा। इसके बाद एक शीशा तोड़कर दरवाजा खोला गया।

कमरे में अलाव जल रहा था, जिससे धुआं निकल रहा था और आकाश मूर्च्छित पड़ा था। एनआईटी के डॉक्टर सुमित गुइन ने उसका चेकअप किया तो पता चला छात्र की मौत हो चुकी है। घटना की सूचना पर पुलिस ने कमरे का मुआयना किया। जांच में पाया गया कि अलाव ठंड से बचने के लिए नहीं, बल्कि सुसाइड करने के लिए जलाया गया था।

डीएसपी गुरमेल सिंह के मुताबिक कमरे में जहां से भी ऑक्सीजन जाने की जगह थी, वहां काफी बारीकी से टेप लगाई गई थी। कमरों की दरारों तक में टेप लगाई थी। शीशों पर अखबार चिपका दिए थे। वैसे भी एनआईटी की गाइडलाइन के अनुसार हॉस्टल के कमरों में अलाव जलाने की अनुमति नहीं है। यह प्रबंध कार्बन मोनोऑक्साइड गैस से सुसाइड के लिए किया गया था।     

आईएएस बनना चाहता था नासिर

आकाश के साथियों ने बताया कि वह पढ़ाई में काफी तेज था। उन्हें कभी नहीं लगा कि वह ऐसा कदम उठा लेगा। आकाश आईएएस बनना चाहता था। वह अकसर आईएएस बनने और इसकी तैयारी करने की बात करता था। 10 दिन पहले आकाश को बुखार हुआ था, जिसके बाद वह घर चला गया था। दो दिन पहले एनआईटी आया था।       

सोनीपत के सुशिक्षित परिवार का था नासिर       
नासिर सोनीपत के सुशिक्षित परिवार से था। उसके पिता बलबीर सिंह वरिष्ठ अधिवक्ता हैं। जबकि माता शिक्षिका और बहन एमबीबीएस डॉक्टर हैं। घटना की सूचना मिलते ही उसके पिता बलबीर सिंह और डॉक्टर बहन के अलावा अन्य लोग भी कुरुक्षेत्र पहुंचे। आकाश नासिर के इस आत्मघाती कदम से पूरा परिवार सदमे में है।       

डेढ़ साल पहले हादसे में हुई थी भाई-भाभी की मौत     
एनआईटी के चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर अजीत यादव ने बताया कि आकाश के साथियों ने बताया है कि डेढ़ साल पहले आकाश के भाई और भाभी की एक हादसे में मौत हो गई थी। उस दौरान वह काफी समय कॉलेज नहीं आया था और इस वजह से वह मानसिक रूप से परेशान था।

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