कोरोना वायरस ने भारत-चीन के बीच आयात को किया ठप, भारत खोज रहा दूसरा रास्ता…

कोरोना वायरस की मार झेल रहे चीन से भारत में आयात होने वाले सामानों की सप्लाई लगभग ठप हो गई है. इसके कारण भारत पर बुरा असर हो रहा है. अब भारत इन सामानों के लिए विकल्प तलाश कर रहा है.

दरअसल, भारत चीन से भारी संख्या में सामानों का आयात करता है, इनमें वे चीजें ज्यादा शामिल हैं जिनका भारत में रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल होता है. भारत का 50 फीसदी से भी ज्यादा आयात अकेले चीन से होता है.

इन सामानों में टेक्सटाइल फैब्रिक, रेफ्रिजरेटर और सूटकेस से लेकर एंटीबायोटिक्स, विटामिन और कीटनाशक भी शामिल हैं. इसके अलावा चीन से आयात होने वाले सामानों की लिस्ट बहुत लंबी है. चीन से एपीआई के आयात पर असर पड़ा है. चीन से सप्लाई बंद होने की वजह से भारत में दवाएं बनाने वाली कंपनियों को एपीआई अब बढ़ी हुई कीमत पर खरीदना पड़ रहा है. एपीआई दवाइयां बनाने का कच्चा माल होता है.

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एक समाचार पत्र की  रिपोर्ट के मुताबिक एक मुश्किल यह भी है कि भारत की तरह और भी कई देश चीन से आपूर्ति बंद होने से प्रभावित हैं. वे देश अब वैकल्पिक स्रोत के लिए उन्हीं देशों के पीछे भाग रहे हैं, जिन पर भारत विचार कर रहा है.

इधर भारत ने चीन से सप्लाई कम होने के बाद अन्य विकल्पों पर काम करना शुरू कर दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक भारत सरकार ने दुनियाभर में भारतीय मिशनों को खत लिखा है कि वे संभावित आपूर्तिकर्ताओं की पहचान करें और उसका विश्लेषण करें.

चीन से आयात के अलावा भारत पर व्यापारिक कारोबार का भी बुरा असर पड़ रहा है. क्योंकि भारत सरकार को आयात शुल्क के रूप में चीन से होने वाली कमाई में गिरावट दिखनी शुरू भी हो गई है.

उधर कोरोना वायरस के चलते चीन की अर्थव्यवस्था पर बहुत बुरा असर पड़ा है. सरकार द्वारा जारी किए गए आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, फरवरी में चीन में विनिर्माण गतिविधियां रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गई हैं. 

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