कश्मीर घाटी भेजी गई सुरक्षा बलों की 100 अतिरिक्त कंपनियां, गृह मंत्रालय ने दिया बड़ा आदेश

कश्मीर घाटी में सुरक्षा बलों की 100 अतिरिक्त कंपनियां (10 हजार जवान) भेजी जा रही हैं। गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को इन कंपनियों की तत्काल रवानगी का आदेश दिया है। हालांकि, गृह मंत्रालय के आदेश में इस बात का जिक्र नहीं है कि इतनी अधिक फोर्स की तैनाती क्यों की जा रही है, लेकिन कहा जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 35ए पर 26 से 28 फरवरी के बीच सुनवाई है। इसमें कोई फैसला आ सकता है। इसके मद्देनजर ही सुरक्षा बलों को अलर्ट पर रखा गया है।कश्मीर घाटी भेजी गई सुरक्षा बलों की 100 अतिरिक्त कंपनियां, गृह मंत्रालय ने दिया बड़ा आदेश

गृह मंत्रालय की ओर से राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव तथा डीजीपी को फैक्स संदेश भेजा गया है। इसमें कहा गया है कि जम्मू कश्मीर में अतिरिक्त पैरा मिलिट्री फोर्स को तैनात किए जाना है। इसके लिए 100 कंपनियां (सीआरपीएफ-45, बीएसएफ-35, एसएसबी-10 व आईटीबीपी की 10 कंपनियां) मुहैया कराई जाएं।

सीआरपीएफ के आईजी (ऑपरेशन) को इन सुरक्षाबलों की तत्काल रवानगी की व्यवस्था करने को कहा गया है। इसके लिए सभी सुरक्षाबलों के आईजी से समन्वय बनाकर तत्काल रवानगी कराने को कहा गया है। सूत्रों का कहना है कि गृह मंत्रालय के आदेश के बाद जम्मू के पुलिस कंट्रोल रूम में बैठक कर रवानगी के फैसले को अमली जामा पहनाया गया। इन कंपनियों को घाटी के विभिन्न स्थानों पर तैनात किया जाएगा।

यासीन मलिक गिरफ्तार, सेंट्रल जेल भेजा गया
जेके एलएफ प्रमुख यासीन मलिक को शुक्रवार को देर रात मायसूमा स्थित आवास से गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस उसे गिरफ्तार कर कोठीबाग थाने ले गई। इसके बाद देर रात सेंट्रल जेल भेज दिया गया। उसे शनिवार को राज्य से बाहर भेजा जा सकता है। अनुच्छेद 35-ए पर 26 से 28 फरवरी के बीच सुनवाई प्रस्तावित है। इस वजह से कोई बवाल न होने पाए, इसे देखते हुए एहतियातन गिरफ्तार किया गया है। यह भी कहा जा रहा है कि सरकार अलगाववादियों पर सख्ती कर रही है। इस वजह से गिरफ्तारी को अंजाम दिया गया। हालांकि, इस बारे में आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है। इससे पहले बुधवार को उसकी सुरक्षा राज्य सरकार ने हटा दी थी।

घाटी में चर्चाएं शुरू
यासीन मलिक की गिरफ्तारी के बाद घाटी में शुक्रवार की देर रात यह भी चर्चा शुरू हो गई कि अनुच्छेद 35-ए पर केंद्र सरकार ने कुछ सकारात्मक फैसला ले लिया है। इससे घाटी में कानून व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इससे निपटने के लिए ही जम्मू से सीआरपीएफ की 100 कंपनियां भेजी जा रही हैं।

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